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पाञ्चजन्य पचास वर्ष पहले
वर्ष 9, अंक 10, भाद्रपद कृष्ण 11, सं. 2012 वि., 12 सितम्बर, 1955, मूल्य 3आने
सम्पादक : गिरीश चन्द्र मिश्र
प्रकाशक – श्री राधेश्याम कपूर, राष्ट्रधर्म कार्यालय, सदर बाजार, लखनऊ
उ.प्र. में मुस्लिम साम्प्रदायिकता फिर से सिर उठाने लगी
पाक-झंडे के साथ ताजियों का जुलूस
श्री अंसारी द्वारा उर्दू के प्रश्न पर जिहाद छेड़ने की धमकी
(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)
ताजा सामचार है कि दिनांक 30 अगस्त को बलिया कोतवाली के अन्तर्गत स्थित मिढ्ढा बाजार से ताजिया ले जाते समय मुसलमानों ने पाकिस्तानी झण्डों के साथ एक जोरदार जुलूस निकाला। पाकिस्तानी झण्डा देखकर स्थानीय प्रमुख व्यक्तियों ने, जिसमें कांग्रेस एवं जनसंघ आदि अन्य दलों के कार्यकर्ता भी थे, झण्डा उतार देने का आग्रह किया एवं यह बताया कि यह पाकिस्तान राज्य का झण्डा है। यदि लगाना ही हो तो केवल मुसलमानों का हरे रंग का झण्डा लगाया जा सकता है। इस बात पर मुसलमानों ने मारपीट की धमकी दी एवं नारा लगाया, “मैदाने जंग में कूद पड़ो।”
गोरखपुर का समाचार है कि अनजुमन-ए-तरक्की-ए-उर्दू के तत्वावधान में एक सार्वजनिक सभा नगरपालिका हाल में हुई। सभा में भाषण करते हुए श्री हयातुल्ला अन्सारी, सम्पादक-कौमी आवाज तथा एम.एल.ए. ने कहा कि “अगर हम चाहते हैं कि हम और हमारी नस्लें गुलाम बन कर जीवित न रहें तो हमें उर्दू के लिए लड़ना होगा।
गोआ-मुक्ति-आंदोलन और कांग्रेस
…वास्तविकता यह है कि कांग्रेस तथा सरकार की नीति गोआ के सम्बंध में अत्यन्त अनिश्चित है। प्रश्न यह है कि यदि आज गोआ में प्रवेश अहितकर है तो वह 15 अगस्त को भी अहितकर था। किन्तु नेहरू जी ने जिस प्रकार प्रत्यक्ष में सत्याग्रह से असहमति प्रकट करते हुए भी सत्याग्रहियों को- उनकी प्रशंसा करके- सत्याग्रह के लिए प्रोत्साहित किया उससे यह नहीं समझा जा सकता था कि गोआ-मुक्ति सत्याग्रह कोई अनुचित कार्य था। इतना ही नहीं तो कांग्रेसाध्यक्ष ने कांग्रेसियों को व्यक्तिगत रूप से सत्याग्रह की अनुमति भी प्रदान की थी जो इस ओर संकेत करती थी कि किन्हीं विशेष कारणों से कांग्रेस सत्याग्रह के पक्ष में होते हुए भी सत्याग्रह में भाग लेना नहीं चाहती। (सम्पादकीय)
नागा-प्रदेश में पुन: सशस्त्र विद्रोह की तैयारियां
(श्री उ.प. मिश्र)
नागा प्रदेश की स्थिति काफी समय से शांत सी दिखती थी किन्तु अभी हाल में एकाएक पुन: तूफान उठ खड़ा हुआ है। पुन: “स्वतंत्र नागा राज्य” की मांग जोर-शोर से प्रारम्भ हो गई है। जहां “नागा नेशनल काउंसिल” के अध्यक्ष श्री ए.जेड. फिजो ने हिंसक कार्रवाई के प्रति असहमति प्रकट करते हुए भी स्वतंत्र नागा राज्य की मांग के निमित्त तीव्र आन्दोलन चलाने की बात कही है वहीं कुछ नागाओं ने सशस्त्र विद्रोह की ओर भी पग बढ़ा दिए हैं।
उत्तर-पूर्व सीमा एजेन्सी के ट्वेनसांग प्रदेश के वनवासियों द्वारा दो भारतभक्त नागाओं की हत्याएं कर दी गई हैं।
यदि सरकार वास्तव में नागा प्रदेश में शान्ति एवं व्यवस्था स्थापित करना चाहती है तो सर्वप्रथम विदेशी ईसाई मिशनरियों – आवश्यकता हो तो भारतीय मिशनरियों का भी-प्रवेश निषिद्ध करे। आर्यसमाज, रामकृष्ण मिशन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों को वहां जाकर अपना प्रचार करने की पूरी सुविधाएं प्रदान करे, जिससे मिशनरियों द्वारा फैलाया गया अराष्ट्रीय तथा विषाक्त वातावरण समाप्त किया जा सके।
संक्षिप्त समाचार
जनसंघ के प्रयास से कर वसूली रूकी
मुजफ्फरनगर। शामली के व्यापारियों द्वारा नगरपालिका द्वारा बढ़ाए गए करों के विरोध में दो दिन तक पूर्ण हड़ताल रही। श्री चुन्नी लाल जी, जनसंघ के जिला मंत्री तथा प्रमुख कार्यकर्ता श्री शिवप्रसाद जी के प्रयत्नों के परिणामस्वरूप और व्यापार मंडल, शामली की दृढ़ता के कारण वृद्धिगत करों की वसूली स्थगित कर दी गई है। शामली व्यापार मंडल के प्रधान ने उ.प्र. जनसंघ के मंत्री श्री पीताम्बर दास जी को इस प्रयास में सहायता के लिए धन्यवाद देते हुए इसी प्रकार भविष्य में भी आन्दोलन में सहायता देते रहने की अपील की है।
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