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-कुप्. सी. सुदर्शन, सरसंघचालक, रा.स्व. संघ
गत 14, 15 एवं 16 फरवरी को जयपुर में राष्ट्रीय सिख संगत की बैठक आयोजित की गई थी। श्री गुरुग्रन्थ साहब के 400 वें प्रकाश पर्व की योजना बनाने के लिए आयोजित इस बैठक में 15 राज्यों के 108 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में विशेष अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन और मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल श्री मदनलाल खुराना थे।
इस अवसर पर संगत के अध्यक्ष सरदार गुरचरण सिंह ने जानकारी दी कि श्री गुरुग्रन्थ साहब की रचना के 400 वर्ष पूरे होने पर प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। इसके लिए देशभर में समितियां बनायी जा रही हैं। इन्हीं समितियों के माध्यम से 15 स्थानों से यात्राएं निकाली जाएंगी, जो 15 एवं 16 अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगी। श्री गुरुग्रन्थ साहब में जिन गुरुओं, सन्तों एवं भक्तों की वाणी अंकित हैं, ये यात्राएं उनके जन्मस्थानों से निकलेंगी।
इसके बाद दिल्ली से एक विशाल यात्रा 31 अगस्त, 2004 (संभावित तिथि) को अमृतसर के लिए रवाना होगी।
बैठक में (बाएं से) श्री मदनलाल खुराना, डा. रामे·श्वरानन्द और
श्री कुप्.सी. सुदर्शन
इस उपलक्ष्य में देश के विभिन्न भागों में श्री गुरु ग्रन्थ साहब पर विचार गोष्ठियां तथा विद्यालयों में प्रतियोगिताएं होंगी। जयपुर बैठक में श्री गुरुग्रन्थ साहब का परिचय देने वाली एक पुस्तिका का लोकार्पण भी श्री सुदर्शन और श्री खुराना ने किया। अपने उद्बोधन में श्री सुदर्शन ने श्री गुरुग्रन्थ साहब को पंचम वेद बताते हुए कहा, इसमें चारों युगों का समूचा तत्व- ज्ञान, भक्ति-शक्ति का महत्व, सम्पूर्ण वैदिक परम्परा का समावेश है, जो संसार के मार्गदर्शन के लिए सक्षम है। बैठक में संगत के संरक्षक सरदार चिरंजीत सिंह एवं निर्मल पंथ के डा. रामे·श्वरानन्द ने भी अपने विचार रखे। प्रतिनिधि
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