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मंगलम्, शुभ मंगलम्इस स्तम्भ में दम्पत्ति अपने विवाह की वर्षगांठ पर 50 शब्दों में परस्पर बधाई संदेश दे सकते हैं। इसके साथ 200 शब्दों में विवाह से सम्बंधित कोई गुदगुदाने वाला प्रसंग भी लिखकर भेज सकते हैं। प्रकाशनार्थ स्वीकृत प्रसंग पर 200 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।”स्त्री” स्तम्भ के लिए अपनी सामग्री, टिप्पणियां इस पते पर भेजें”स्त्री” स्तम्भद्वारा, सम्पादक, पाञ्चजन्य संस्कृति भवन,देशबन्धु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-55तिनका-तिनका जोड़ा तुमने…अपनी पत्नी श्रीमती रीनू के साथ श्री मूल चन्द्र गुप्ताप्रिय रीनू,जिस उतावलेपन में पापा ने हमारी शादी तय की थी, सच पूछो तब “हां” करना मजबूरी बन गई थी। पापा की बात टाल तो सकता नहीं था, लेकिन मन में तमाम आशंकाएं थीं। न तुम्हें कभी देखा था, न तुम्हारे बारे में किसी से कुछ सुना या जाना था। मैंने तो क्या घर में पापा के अलावा किसी ने भी तुम्हें नहीं देखा था और शादी की तारीख भी तय कर दी थी। मुझे बताया और दस दिन में कार्ड भी छप गए। शादी की तैयारियां शुरू हो गयीं। हर दिन भागदौड़। और 18 जून का दिन भी आ गया। वरमाला के समय तुम्हारी पहली झलक देखी तो कुछ ज्यादा सोच नहीं सका। शादी के बाद ही हम दोनों एक-दूसरे को पहचान सके, जान सके। और मेरी तमाम आशंकाएं दूर हो गईं। तुमने बड़े चाव से तिनका-तिनका जुटाकर घोंसला बनाया, अपना कर्तव्य पूरा किया, लेकिन मैं शायद तुम्हारी चाहतें पूरी करने में असमर्थ रहा। नौकरी की व्यस्तताओं के चलते तुम्हें कहीं घुमाने भी नहीं ले जा सका। एक साल में भी शायद चार महीने ही हम साथ रह सके। कभी तुम मायके, और कभी मम्मी-पापा की देखभाल के लिए गांव में रहीं लेकिन कभी तुमने इसकी शिकायत नहीं की। तुम्हारे इसी मृदु स्वभाव ने पूरे घर में सबका मन जीत लिया। यूं ही देखते-देखते एक साल बीत गया। 18 जून का यह दिन बार-बार हमारे जीवन में सुखद मिलन का प्रतीक बनकर आए। जीवन-पथ पर हम यूं ही हंसी-खुशी बढ़ते चलें, ईश्वर से यही मंगल कामना है।तुम्हारा,मूल चन्द्र गुप्ताद्वारा- देवकीनन्दन गुप्ता गांव-नयावास, पोस्ट-भदनवारा, जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश-28120521
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