स्त्री
July 18, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

स्त्री

by
Jun 6, 2004, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Jun 2004 00:00:00

हर पखवाड़े स्त्रियों का अपना स्तम्भतेजस्विनीकितनी ही तेज समय की आंधी आई, लेकिन न उनका संकल्प डगमगाया, न उनके कदम रुके। आपके आसपास भी ऐसी महिलाएं होंगी, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प, साहस, बुद्धि कौशल तथा प्रतिभा के बल पर समाज में एक उदाहरण प्रस्तुत किया और लोगों के लिए प्रेरणा बन गयीं। क्या आपका परिचय ऐसी किसी महिला से हुआ है? यदि हां, तो उनके और उनके कार्य के बारे में 250 शब्दों में सचित्र जानकारी हमें लिख भेजें। प्रकाशन हेतु चुनी गयी श्रेष्ठ प्रविष्टि पर 500 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।श्रीमती आशा कोटियाएक बाजू उखड़ गया तो क्या…-श्रीति राशिनकरव्यक्ति के जीवन में यूं तो उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं, लेकिन ऐसे विरले ही होते हैं जो अकेले ही जीवन में आए हर तूफान का सामना करने में सफल होते हैं।प्रकृति-प्रदत्त अनुपम शरीर लेकिन उसी प्रकृति के क्रूर अन्याय से शरीर का कोई भी अंग छिन जाए, यह कल्पना भी असहनीय है। लेकिन कुछ लोग हैं, जो ऐसे हादसों से गुजरकर भी अपने आपको तो संभालते ही हैं, साथ ही समाज के हर वर्ग की सेवा करने, उसे आगे बढ़ाने के लिए उतनी ही तत्परता से जुट जाते हैं, ऐसा ही प्रेरणादायी व्यक्तित्व है श्रीमती आशा कोटिया का।सेवा, त्याग एवं परिश्रम का व्रत लेकर चलने वाली आशा जी का जन्म रतलाम (म.प्र.) में हुआ। इन्दौर (म.प्र.) के क्रिश्यचन कालेज से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया। स्कूल एवं कालेज के दिनों से वे विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती रहीं।जनजागरण का अलख – आशा कोटिया नुक्कड़ नाटक करती हुईंसफल नृत्यांगना बनने के उदे्श्य से आशा ने बचपन से ही नृत्य सीखना शुरू किया और फिर नृत्य में “विशारद” किया। लेकिन उम्र के अठारहवें वसंत में ही एक ह्मदयविदारक दुर्घटना में अपना एक हाथ गवां बैठीं। उम्र के चौदहवें वर्ष में विवाह के बाद अठारह वर्ष की उम्र में इस भीषण दुर्घटना ने उन्हें एक तरह से तोड़ दिया।ऐसे में उन्हें सहारा दिया सिर्फ उनके पति श्री कैलाशचंद्र कोटिया ने। आशा कोटिया हमेशा कहती हैं, “आज मैं जो भी हूं सिर्फ अपने पति के कारण।” वह बताती हैं कि इलाज के दौरान उन्हें पूना मिलेट्री अस्पताल में ऐसे एक व्यक्ति मिले जो हमेशा कहते थे कि तुमने केवल अपना एक हाथ खोया है न कि पूरी जिन्दगी। उनके शब्दों ने युवती आशा को नई प्रेरणा दी। उसके बाद तो उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।आज आशा कोटिया देश के भावी नागरिकों को साक्षर बनाने के लिए जी-जान से जुटी हैं। इस कार्य के लिए 5 सितम्बर, 1996 को उन्हें राष्ट्रपति पदक से अलंकृत किया गया।साक्षरता अभियान हो, रंगकर्म हो या सामाजिक चेतना के लिए संघर्ष, श्रीमती आशा कोटिया सदा आगे रहती हैं।साक्षरता का अलख जगाने के उद्देश्य से झाबुआ के माछलिया घाट में जाकर वनवासियों के बीच उन्होंने कई नाटकों का मंचन किया। प्रारम्भ में तो यहां के लोगों ने इसका विरोध किया, उन पर पत्थर भी फेंके लेकिन उनका आत्मविश्वास नहीं टूटा और इन स्थानों पर सफलता से नुक्कड़ नाटकों का मंचन हुआ।श्रीमती कोटिया मानती हैं कि समाज में शिक्षक के रूप में बहुत कार्य किया जा सकता है। बच्चों को संस्कारित करने का कार्य शिक्षक का है, इसीलिए उन्होंने शिक्षण का व्यवसाय अपनाया। लेखन, रंगकर्म, समाज सेवा जैसे विभिन्न आयामों को उन्होंने अपनी जिंदगी में ढाला है। लिखने में भी रुचि है। कम आयु से ही उन्होंने लिखना प्रारम्भ कर दिया था। लघुकथा, कहानियां, कविताएं, व्यंग्य सभी विधाओं में उनकी लेखनी चली है।सन् 1984 के दंगों के समय उन्होंने इन्दौर की जनता में जागृति के लिए नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया। वे कहती हैं, “यह जरूरी नहीं कि अचानक ही जनसाधारण में जागृति आ जाए लेकिन एक भी इंसान जागता है तो हम सवेरे की कल्पना कर सकते हैं।”बच्चों को संस्कारित करने, उनमें छिपी प्रतिभा को उभारने की दृष्टि से श्रीमती कोटिया ने सन् 1990 से अपने दिवंगत पति की स्मृति में “हल्ला-गुल्ला” बाल शिविर का आयोजन करना प्रारम्भ किया। पर्यावरण के बारे में लोगों को जागरूक बनाना व बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारना शिविर का मुख्य उद्देश्य है। शिविर में बच्चों को अभिनय, संगीत, नृत्य, मंचसज्जा का प्रशिक्षण भी दिया जाता है।वे बच्चों के बारे में जितनी चिंतित रहती हैं, उतनी ही स्त्रियों के उत्पीड़न के विरुद्ध भी सक्रिय रहती हैं।समाज हित में उनके कार्यों को रेखांकित करने के उद्देश्य से राष्ट्रपति पदक के अलावा उन्हें अनेक राज्यस्तरीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने हर दुख को चुनौती मानकर उसका बड़े ही आत्मविश्वास के साथ मुकाबला किया। यह उनका आत्मविश्वास ही है कि उन्हें इन्दौर की व्यस्ततम सड़कों पर एक हाथ से कार चलाते देखा जा सकता है। वे इस बात का प्रमाण हैं कि प्रकृति के अन्याय को न मानते हुए आत्मविश्वास का सम्बल लेकर उस पर विजय भी प्राप्त की जा सकती है।उन्हें मिले एक अभिनंदन पत्र के ये शब्द उल्लेखनीय हैं- “जिस प्रवाह से विकलांगों के कल्याण कार्य के लिए आपकी कलम अनवरत् चल रही है, वह अभिनंदनीय तो है ही, साथ में प्रेरणा-स्त्रोत है मानवता के लिए, एक प्रकाशपुंज है विकलांगता और अधंकार के लिए।”18

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

रा.स्व.संघ की सतत वृद्धि के पीछे इसके विचार का बल, कार्यक्रमों की प्रभावोत्पादकता और तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं का परिश्रम है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : विचार, कार्यक्रम और कार्यकर्ता-संगम

कृषि : देश की अर्थव्यवस्था में तो समृद्धि के लिए ‘क्रांति’ नहीं, शांति से सोचिए

भारत ने अमेरिका-नाटो की धमकी का दिया करार जबाव, कहा- ‘दोहरा मापदंड नहीं चलेगा’

लखनऊ : 500 से ज्यादा छात्रों वाले विद्यालयों को ‘आदर्श स्कूल’ का दर्जा देगी योगी सरकार, जानिए क्या होगा लाभ..?

कट्टर मजहबी पहचान की तरफ दौड़ लगाता बांग्लादेश : 2047 तक हो जाएगा हिन्दू विहीन ?

नगर विकास विभाग की सख्ती : विजयेन्द्र आनंद की होगी जांच, वाराणसी में अनियमितताओं के गंभीर आरोप

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

रा.स्व.संघ की सतत वृद्धि के पीछे इसके विचार का बल, कार्यक्रमों की प्रभावोत्पादकता और तपोनिष्ठ कार्यकर्ताओं का परिश्रम है

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : विचार, कार्यक्रम और कार्यकर्ता-संगम

कृषि : देश की अर्थव्यवस्था में तो समृद्धि के लिए ‘क्रांति’ नहीं, शांति से सोचिए

भारत ने अमेरिका-नाटो की धमकी का दिया करार जबाव, कहा- ‘दोहरा मापदंड नहीं चलेगा’

लखनऊ : 500 से ज्यादा छात्रों वाले विद्यालयों को ‘आदर्श स्कूल’ का दर्जा देगी योगी सरकार, जानिए क्या होगा लाभ..?

कट्टर मजहबी पहचान की तरफ दौड़ लगाता बांग्लादेश : 2047 तक हो जाएगा हिन्दू विहीन ?

नगर विकास विभाग की सख्ती : विजयेन्द्र आनंद की होगी जांच, वाराणसी में अनियमितताओं के गंभीर आरोप

यूपी पुलिस का अपराधियों पर प्रहार : 30,000 से ज्यादा गिरफ्तार, 9,000 घायल

स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 : उत्तर प्रदेश ने मारी बाजी, लखनऊ देश में तीसरा सबसे स्वच्छ शहर

उत्तराखंड : सीएम धामी ने कांवड़ियों के पैर धोकर की सेवा, 251 फीट ऊँचे भगवा ध्वज पोल का किया शिलन्यास

Pushkar Singh Dhami in BMS

उत्तराखंड : भ्रष्टाचार पर सीएम धामी का प्रहार, रिश्वत लेने पर चीफ इंजीनियर निलंबित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies