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तिरंगा यात्रा के दिल्ली पहुंचने पर भव्य स्वागतउमा भारती ने बताया कांग्रेसी चरित्रतिरंगे का अपमान, पाकिस्तानी झण्डे का सम्मानदिल्ली में तिरंगा यात्रा के स्वागत कार्यक्रम में उपस्थित जनसमुदाय का अभिवादन करती हुई सुश्री उमा भारती। साथ में भाजपा, दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष डा. हर्षवर्धन (बाएं) एवं पूर्व सांसद श्रीमती अनिता आर्य।छाया: पाञ्चजन्य / हेमराज गुप्ता”भारत माता की जय”, “क्रांतिकारियों का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्थान” के उद्घोष गुंजाती सुश्री उमा भारती की तिरंगा यात्रा गत 22 सितम्बर की सायंकाल दिल्ली पहुंची। इस यात्रा को फरीदाबाद (हरियाणा) से दिल्ली में प्रवेश कर केवल बाहरी क्षेत्र को स्पर्श करते हुए पुन: हरियाणा के सोनीपत पहुंचना था। इसलिए भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली प्रदेश ने बदरपुर सीमा पर यात्रा का स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया। दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डा. हर्षवर्धन सहित पूरी प्रदेश कार्यकारिणी तिरंगा यात्रा के स्वागत में एकत्रित हुई थी। तिरंगा यात्रा अपने निश्चित समय से दो घंटे देरी से पहुंची, फिर भी बड़ी संख्या में लोग वहां जुटे रहे। उपस्थित जन-समुदाय को सम्बोधित करते हुए सुश्री उमा भारती ने एक बार फिर हुंकार भरी, “देश की धरती के एक-एक इंच पर मुझे तिरंगा फहराने का अधिकार है। कोई माई का लाल मेरे इस अधिकार को चुनौती नहीं दे सकता।” सुश्री उमा भारती ने कहा कि इस छोटी अवधि की यात्रा के अनुभवों ने मुझे भारत यात्रा के लिए प्रेरित किया है। मैं चाहती हूं कि सक्रिय राजनीति से 2 वर्ष का अवकाश लेकर मैं पूरे भारत का भ्रमण करूं, भारतीय जनमानस की इच्छाशक्ति को जगाऊं और भारत के गौरव को विश्व में स्थापित होता हुआ देखूं। इस भारत गौरव यात्रा को मैं पूरी तरह से अराजनीतिक रखना चाहती हूं।बड़ी संख्या में महिलाएं तिरंगा यात्रा के स्वागत हेतु पहुंचीसोनिया गांधी से उमा भारती के तीन सवालतिरंगा यात्रा के प्रारम्भ से ही विदेशी मानसिकता और विदेशी मूल को प्रमुखता से उठाती आ रहीं सुश्री उमा भारती ने कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी से तीन सवाल किए हैं। उन्होंने कहा, चूंकि श्रीमती सोनिया गांधी संयुक्त प्रजातांत्रिक गठबंधन की भी अध्यक्ष हैं, इस नाते सरकार को दिशानिर्देश देती हैं, इसलिए उन्हें इन प्रश्नों का उत्तर मीडिया के माध्यम से देशवासियों को देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने श्रीमती सोनिया गांधी को आमने-सामने की सीधी बहस की चुनौती भी दी। सुश्री उमा भारती ने श्रीमती सोनिया गांधी से पूछा है-राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान की घटनाएं केवल कांग्रेस के लोगों द्वारा और कांग्रेस के राज्य में ही क्यों होती है?आपकी दृष्टि में भारत के विकास का आधार क्या होगा?भारत के समक्ष क्या चुनौतियां हैं?सुश्री उमा भारती ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस अध्यक्षा मेरे द्वारा खुली बहस के प्रस्ताव को स्वीकार करेंगी अथवा इन प्रश्नों का उत्तर देशवासियों को देंगी। क्योंकि उन्हीं के इशारों पर तिरंगा फहराने के आरोप में मुझे जेल और 2000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचारी लालू को रेल में भेजा गया।कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति और तुष्टीकरण की मानसिकता को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेसी तिरंगा यात्रा का विरोध सिर्फ इसलिए कर रहे हैं ताकि मुसलमानों का थोक वोट उन्हें मिले। जबकि वे जानते हैं कि मुस्लिम समाज को तिरंगे से कोई परहेज नहीं है। वह भी उसे उतनी शान से फहराता है जितना कोई अन्य भारतीय। जब हज के लिए भारतीय दल मक्का जाता है तो अपने शिविर पर फहराता तिरंगा देखकर गौरवान्वित होता है। पवित्र तीर्थ मक्का में यदि तिरंगा फहराए जाने का विरोध भारतीय मुसलमान नहीं करते तो हुबली के मैदान में क्या करते? परन्तु यह कांग्रेसी मानसिकता तिरंगे का सम्मान करने वाले बड़े मुस्लिम वर्ग की अनदेखी कर कुछ उन कट्टरपंथी मुल्लाओं के पीछे दौड़ रही है जो तिरंगे का अपमान करते हैं और पाकिस्तानी झण्डे का सम्मान। प्रतिनिधि13
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