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जनता का स्वास्थ्य भी सुधारेंगे और राजनीति भी
-डा. अनिल जैन, राष्ट्रीय संयोजक, भाजपा चिकित्सक प्रकोष्ठ
गत 18-19 अक्तूबर, 2003 को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी, चिकित्सक प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान विभिन्न सत्रों में देश व समाज के उत्थान में चिकित्सकों की भूमिका, चिकित्सा संबंधी आयामों और देश की राजनीति में चिकित्सकों के योगदान पर चर्चा हुई। 18 अक्तूबर को भाजपा अध्यक्ष श्री वैंकय्या नायडू ने बैठक का उद्घाटन करते हुए कहा कि समाज के प्रबुद्ध वर्ग के प्रतिनिधि होने के कारण चिकित्सकों पर समाज और देश के प्रति एक उत्तरदायित्व होता है। चिकित्सक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक डा. अनिल जैन ने चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे जाति, पंथ, भाषा आदि भेदों से परे समाज में रचनात्मक भूमिका निभाएं।
चिकित्सक प्रकोष्ठ द्वारा बैठक में भविष्य के लिए तीन कार्यक्रमों की रूपरेखा पारित की गई। थ् प्रत्येक चिकित्सक हर माह पांच नए परिवारों की चिकित्सकीय जांच करेगा। परीक्षण के दौरान ही 80 प्रतिशत मरीजों का इलाज किया जा सकता है, शेष 20 प्रतिशत मरीजों को अपने निकट के किसी अन्य चिकित्सक से परामर्श के लिए कह सकते हैं। इससे चिकित्सकों और समाज के लोगों के बीच सीधा संबंध बनेगा। थ् विभिन्न सेवाबस्तियों अथवा गांवों में चिकित्सक स्वास्थ्य, रहन-सहन आदि के बारे में जागरूकता लाने के लिए संगोष्ठियां करें। थ्पार्टी और समाज से धन संग्रह करके विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य मेले लगाएं जाएं।
बैठक के विभिन्न सत्रों में केन्द्रीय मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही। केन्द्रीय कानून मंत्री अरुण जेटली ने चिंता व्यक्त की कि जहां भारत के सेवा क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की दुनिया में धूम मची हुई है, वहीं अभी तक स्वास्थ्य सेवाएं गांवों तक नहीं पहुंच पाई हैं।
बैठक में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने चिकित्सकों से कहा कि वे सरकार को बताएं कि चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में और क्या सुधार किए जा सकते हैं। ऐसा प्रारूप तैयार हो कि निजी और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं आपसी तालमेल द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों के माध्यम से घर-घर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएं। हर राष्ट्रीय राजमार्ग पर 100 किलोमीटर की दूरी पर एक अपघात केन्द्र स्थापित हो तथा हर 50 किमी. पर प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र बने। कुल मिलाकर दो दिन की इस बैठक में चिकित्सा क्षेत्र में सुधार के साथ ही राजनीति में चिकित्सकों की सक्रिय भागीदारी का चिंतन हुआ। दप्रतिनिधि
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