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आज के युवा दीपक बनकर तमस दूर करें
-आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री, राज्यपाल, उत्तर प्रदेश
सम्मानित युवा साहित्यकारों (बाएं से) श्री राजेश पंडित, डा. राजाराम शुक्ल, श्रीमती अनामिका मिश्रा, डा. सविता मिश्रा, श्री पराण कुमार बरुआ, श्री आलोक गोस्वामी व श्री रमाशंकर के साथ आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री व प्रो. शिव बहादुर सिंह (बाएं से पांचवे स्थान पर)।
गत 23 सितम्बर को रायबरेली में नवम् पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मृति युवा साहित्यकार सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। भाऊ राव देवरस सेवा न्यास के तत्वावधान में आयोजित इस समारोह में सात युवा साहित्यकारों को प्रदेश के राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने सम्मानित किया। श्रीमती अनामिका मिश्रा को काव्य, डा. सविता मिश्रा को कथा-साहित्य, श्री राजेश पंडित को नाटक एवं रंगमंच, श्री रमाशंकर को बाल साहित्य, श्री आलोक गोस्वामी को पत्रकारिता, डा. राजाराम शुक्ल को संस्कृत एवं श्री पराण कुमार बरुआ को असमिया भाषा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानस्वरूप इन साहित्यकारों को प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र और 5000 रुपए की राशि प्रदान की गयी। इस अवसर पर युवा साहित्यकारों को आशीर्वाद देते हुए आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि हम सब अपने क्षेत्र में यदि सूरज न बन सकें तो दीपक अवश्य बनें, क्योंकि जिस भी स्थान पर हम रहें उस स्थान पर तो कम से कम उजाला हो। समारोह के विशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिव बहादुर सिंह थे। इस अवसर पर भाऊ राव देवरस सेवा न्यास के अध्यक्ष श्री ईश्वर चन्द्र गुप्त, सचिव डा. देवेन्द्र प्रताप सिंह, न्यासी श्री ब्राहृदेव शर्मा सहित अनेक गण्यमान्यजन उपस्थित थे। दप्रतिनिधि
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