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-हरीश गुप्ता, सम्पादक, दैनिक भास्कर2003 में पत्रकारिता के क्षेत्र में कई नए आयाम जुड़े। स्वयं की खोजी पत्रकारिता की बजाय दूसरों की खोजबीन पर आधारित रपटें ज्यादा छायी रहीं, जैसे टेप काण्ड। यह खोजी पत्रकारिता नहीं थी। नए वर्ष में मीडिया अपनी वि·श्वसनीयता पर
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