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बढ़ रहे हैं ध्येय पथ परआपसे पा प्रेरणाआपसे अभिभूत हैं हमलो हमारी वन्दनाहे तपस्वी साधनारत, संघ के निर्माण मेंअग्रसर बन कर खड़े थे, राष्ट्र के परित्राण मेंआपके उद्बोधनों से, बल मिला अभियान कोस्वत्व का संबल मिला, हिन्दुत्व के सम्मान कोअश्रुपूरित हैं दिशायेंहै द्रवित संवेदनाआपसे अभिभूत हैं हमलो हमारी वन्दनासंक्रमण के उन क्षणों में, चतुर्दिक सन्त्रास थाविश्व में खण्डित हुआ- सा, बिखरता वि·श्वास थाभ्रमित -सी, खोई हुई थी, अनमनी सी सृष्टि थीकिन्तु पूरे राष्ट्र की तो, आप पर ही दृष्टि थीरज्जू भैया में बसी थीसंघ की परिकल्पनाआपसे अभिभूत हैं हमलो हमारी वन्दनाविगत से ले प्रेरणा, भवितव्य का वन्दन, नमनअब समय सम्मुख खड़ा, अर्पित सुमन, चन्दन, नमनपंथ के कण्टक भला, क्यों कर बनें व्यवधान फिरआपसे आशीष पा, प्रारम्भ हो अभियान फिरचिर यशस्वी, अस्थि कलशोंपर यहीं आराधनाआपसे अभिभूत हैं हमलो हमारी वन्दनाद कृष्ण “मित्र
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