दिंनाक: 03 Feb 2003 00:00:00 |
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बिहार की विडम्बनाद कल्याणीबिहार शायद ऐसा एकमात्र प्रदेश है जहां आम आदमी को एक ओर अपराधियों का जबरदस्त कहर झेलना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर पुलिस का आतंक भी। मझौल और आशियाना नगर फर्जी कांड की आग अभी ठंडी भी नहीं हो पाई थी कि फरवरी महीने के शुरू में पुलिस ने पटना के पालीगंज में सेना के एक जवान को फर्जी मुठभेड़ दिखाकर दिनदहाड़े गोलियों से भून डाला।शहीद अमितेश शर्मा अपने पिता अवधेश शर्मा के साथ पालीगंज बाजार स्थित एक बैंक में गया था। थोड़ी देर बाद वह अपने पिता को बैंक में छोड़कर किसी कार्यवश मोटरसाइकिल से बाजार की ओर निकला। इसी क्रम में पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की। किन्तु मोटरसाइकिल की गति तेज होने के कारण वह थोड़ी-सी आगे निकल गई, पर तब तक पुलिस ने उस पर गोली चला दी। घायलावस्था में जब वह सड़क पर गिरा, तब पुलिस को उसकी जेब से सेना का परिचय पत्र मिला, किन्तु उसे तुरन्त गायब कर दिया गया। इधर उसका लगातार खून बह रहा था, उधर पुलिस कागजी खानापूर्ति करती रही। इसी बीच स्थानीय लोगों ने भी उक्त घायल सैनिक को पहचान लिया। अत: लोगों के हंगामे के बाद उसे पटना मेडिकल कालेज अस्पताल इलाज के लिए ले जाने की स्वीकृति मिली। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।अमितेश की हत्या करने के बाद पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बनायी। कहा गया कि जब उसे रोकने की कोशिश की गई तो उसने पुलिस पर गोली चला दी, जबकि अमितेश के पास कोई हथियार नहीं था।फिर पुलिस ने और एक मनगढ़ंत कहानी रची-कहा गया यह सेना का भगोड़ा सिपाही था, जबकि सच्चाई इसके विपरीत थी। उसके अंतिम संस्कार में सेना की ओर से सलामी दी गई, जबकि भगोड़े सैनिक के साथ ऐसा नहीं होता है।वह पालीगंज के अकबरपुर का रहने वाला था और 3 माह पूर्व अपनी मृत मां के श्राद्ध के लिए घर आया था। बाद में उसने अवकाश की अवधि में वृद्धि के लिए आवेदन भी दिया था। इस समय वह राजस्थान की सीमा पर तैनात था। अवकाश की अवधि समाप्त हो जाने पर उसे चार दिनों के अंदर अपने मुख्यालय लौटना था, इसके लिए वह रेल आरक्षण भी करा चुका था, लेकिन बिहार की क्रूर पुलिस ने उसे फिर देश सेवा का अवसर नहीं दिया। उसका एक छोटा पुत्र है।भारी जन दबाव के बाद जब पुलिस के उच्चाधिकारियों ने इस घटना की जांच की तो दारोगा विवेकानंद सिंह और उनके दो साथियों को इस मामले में दोषी पाया गया। इसी आधार पर इन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का भी आदेश दिया गया है।द14
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