माटी का मन लाभ केवल बड़े किसानों तक सीमित न रह जाए
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

माटी का मन लाभ केवल बड़े किसानों तक सीमित न रह जाए

by
Dec 5, 2002, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Dec 2002 00:00:00

द डा. रवीन्द्र अग्रवालकेन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि उपज से सम्बंधित जो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, उनमें से कुछ निर्णय तो वर्षों पूर्व ही ले लिए जाने चाहिए थे। ऐसा ही एक निर्णय है किसान को भंडार गृह की रसीद के आधार पर ऋण उपलब्ध कराने का मामला। समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद के कारण बढ़ती सब्सिडी 15 वर्ष पूर्व भी उतनी ही चिंता का विषय थी जितनी कि आज। 1980-81 में जो खाद्यान्न सब्बिडी 650 करोड़ रुपए थी वह 1985-86 में बढ़कर 1650 करोड़ रुपए हो गई थी।तभी यह महसूस किया जाने लगा था कि बढ़ते खाद्यान्न उत्पादन को संभाल पाना भारतीय खाद्य निगम की सामथ्र्य से बाहर है। 1986 में रबी की फसल के बाजार में आने के समय ही खाद्य निगम को यह चिंता सताने लगी थी कि पिछले भण्डारण से कैसे निपटा जाए। कुछ वर्ष पहले केन्द्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम से खाद्यान्नों के भंडारण और विपणन के दायित्व को वापस लेने के सम्बन्ध में श्रीभानु प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई थी। समिति ने 1990 में अपनी रपट में ग्रामीण गोदामों की श्रृंखला बनाने का सुझाव दिया था, जिसमें जमा अनाज की जमानत के आधार पर उसे ऋण मिल सके। समिति का मानना था कि इस व्यवस्था से खाद्यान्नों के बाजार मूल्य में बड़े पैमाने पर हो रहे उतार-चढ़ाव को नियंत्रित किया जा सकेगा। साथ ही इससे किसानों को घाटे में अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर भी नहीं होना पड़ेगा। गोदाम में रखी फसल पर वह लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकता है।संसाधनों की कमी के नाम पर भानु प्रताप समिति की रपट पर पिछले एक दशक में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। यह दीगर बात है कि सब्सिडी के नाम पर सलाना अरबों रुपए व्यर्थ खर्च होते रहे।खैर देर आयद दुरुस्त आयद। परन्तु सरकार के इस फैसले के क्रियान्वयन में कई रुकावटें हैं। सबसे बड़ी रुकावट है गोदामों का अभाव। यह गोदाम कौन बनाएगा? क्या निजी क्षेत्र? इस दृष्टि से अभी तक निजी क्षेत्र का व्यवहार संदिग्ध है। और अगर वह गोदाम बनाए भी तो क्या वह पंचायत स्तर पर गोदाम बनाएगा? पंचायत स्तर पर गोदाम बनाए बिना आम किसान को इस सुविधा का लाभ मिल पाना संदिग्ध है। अगर ऐसे गोदाम शहर केन्द्रित रहे तो इस सुविधा का लाभ भी वही किसान उठा पाएगा जिसे हरित क्रांति का लाभ उठाने के लिए आरोपित किया जाता है।किसान को गोदाम सुविधा उपलब्ध कराकर ही यह नहीं मान लेना चाहिए कि किसान को अब उसकी उपज का लाभकारी मूल्य मिल ही जाएगा। बहुत से किसान ऐसे भी होंगे जिनमें इतनी सामथ्र्य नहीं है कि वे अपनी फसल गोदाम में रख सकें। वे अपनी फसल बाजार में बेचना चाहेंगे।यही नहीं मौसम की अनिश्चितता के कारण भी सरकारी खरीद आवश्यक है। मौसम की जरा सी गड़बड़ी या अन्तरराष्ट्रीय परिस्थितियों से किसी भी समय खाद्यान्न की वर्तमान सुविधाजनक स्थिति खतरे में पड़ सकती है। दूसरे कमजोर वर्गों के लिए खाद्यान्न आपूर्ति के लिए भी सरकार अपने दायित्व से नहीं मुकर सकती। देश की खाद्यान्न सुरक्षा को ध्यान में रखकर देश के खाद्यान्न बाजार को बाजारी ताकतों के हवाले नहीं करना चाहिए।15

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

पंजाब: अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्कर गिरोह का पर्दाफाश, पाकिस्तानी कनेक्शन, 280 करोड़ की हेरोइन बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies