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प्रकृति से नाता जोड़ेंराजस्थान में जल संचय की पारम्परिक प्रणाली को फिर से मूर्तरूप देने वाले मैग्सेसे पुरस्कार विजेता श्री राजेन्द्र सिंह को गत 20 जनवरी को कोलकाता में स्वामी विवेकानन्द सम्मान से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री ने सम्मानस्वरूप उन्हें ताम्र पत्र एवं 51 हजार रुपए का चेक भेंट किया। इस राशि को उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले किसी न्यास को देने की घोषणा की है। देशज ज्ञान और परम्परा को पुनर्जीवित कर जन सहयोग के माध्यम से जल, जंगल और जमीन के उन्नयन में चमत्कारिक परिवर्तन लाने हेतु उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। कोलकाता की सामाजिक-साहित्यिक संस्था श्री बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय की ओर से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है।सम्मान समारोह में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए आचार्य विष्णुकान्त शास्त्री ने कहा कि श्री राजेन्द्र सिंह ने हमें दिखा दिया है कि अपने देश की समस्याओं का हल हम लोग अपने परम्परागत ज्ञान एवं साधनों से करेंगे, तभी देश का कल्याण होगा। श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि अभी भी इस देश की आत्मा में बहुत कुछ बचा हुआ है। अपनी अन्तर्दृष्टि से हम अनेक प्रश्नों का हल ढूंढ सकते हैं, पर वह सोई हुई है या यूं कहें कि सुला दी गई है, उसे जगाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रकृति से नाता जोड़ना होगा, यही देश के सुखद भविष्य की राह है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. सुजीत धर ने की। कार्यक्रम में पुस्तकालय के अध्यक्ष श्री कृष्णस्वरूप दीक्षित और उद्योगपति श्री पुरुषोत्तम दास चितलांगिया के अलावा महानगर के अनेक विशिष्टजन उपस्थित थे। द प्रतिनिधि31
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