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मुस्लिम असामाजिक तत्वों नेफिर तोड़ीं देव-प्रतिमाएंथ् शेखावाटी में आतंक थ् राजनीतिक दबाव के आगे प्रशासन बेबसदअशोक कुमार बैद31 दिसम्बर, 2001 की रात राजस्थान के शेखावाटी जनपद में सीकर जिले के रोलसाहबसर गांव के राम दरबार मन्दिर में कुछ मुस्लिम तत्वों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम, माता सीता, एवं भगवान गणेश की मूर्तियां खंडित कर बाहर सड़क पर फेंक दीं। इस घटना से शेखावाटी ही नहीं, अन्य जिलों में भी भारी तनाव पैदा हो गया। यह मन्दिर ढांढण शक्ति मन्दिर ट्रस्ट द्वारा संचालित है।घटना की जानकारी तब हुई जब 1 जनवरी, 2002 को सुबह मन्दिर का पुजारी वहां पूजा करने आया तो उसे मन्दिर के ताले टूटे मिले। उसे गर्भ गृह में पांच मूर्तियों में से तीन मूर्तियां गायब मिलीं। तलाश की तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम, माता सीता एवं भगवान गणेश की मूर्तियां खंडित अवस्था में राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ी मिलीं।मन्दिर से मूर्तियां खंडित कर बाहर फेंक देने की घटना को स्थानीय हिन्दुओं ने काफी गंभीरता से लिया। नाजुक स्थिति भांपते हुए प्रशासनिक अधिकारी पुलिस बल के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गए। पूरे इलाके में पुलिसबल तैनात कर दिया गया। पूर्व विधायक बनवारी लाल भिंडा एवं ढांढण शक्ति मन्दिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें लिखा था कि गांव में कुछ समय से एक समुदाय विशेष के असामाजिक तत्वों ने आतंक फैला रखा है। कुछ दिन पूर्व मुस्लिम युवकों ने गांव में रामायण पाठ के दौरान कथा स्थल पर पहुंच कर भक्तजन से रामायण की पुस्तकें छीन कर बाहर फेंक दी थीं और उपस्थित महिलाओं को भद्दी गालियां दी थीं। मंदिर में घटी घटना के विरोध में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वि·श्व हिन्दू परिषद्, भाजपा, शिवसेना, बजरंग दल विद्यार्थी सेना, विद्यार्थी परिषद्, एवं विभिन्न हिन्दू संगठनों के साथ जनपद के व्यापारियों, स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक संस्थाओं, विद्यालयों एवं नागरिकों ने शेखावाटी जनपद स्वेच्छा से बन्द रखा और घटना की सी.बी.आई. जांच कराने की मांग की।मामले की गंभीरता के बावजूद पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए इस सम्बंध में गांव के तीन मुस्लिम युवकों-गुलाम नबी, आमीन एवं चंदिया को गिरफ्तार किया। हालांकि पुलिस इस विषय में तथ्य तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। प्रशासन भारी राजनीतिक दबाव में सच्चाई को दबाने पर मजबूर दिखता है।विभिन्न हिन्दू संगठनों ने जिलाधिकारी को सौंपे अपने ज्ञापन में कहा कि फतेहपुर में पहले भी एक बार राष्ट्रीय झंडा जलाया गया था। पाकिस्तानी जासूस कासम खां ने यहां रहकर न केवल अपना राशन कार्ड बनवाया वरन् भारतीय पारपत्र बनवाया और राजनीतिक संरक्षण में देशद्रोही गतिविधियां भी संचालित कीं। सिमी के सक्रिय कार्यकत्र्ताओं का यहां जाल बिछा हुआ है। आए दिन यहां राष्ट्र विरोधी कार्य होते रहते हैं। मगर आज तक किसी ने भी दोषी तत्वों के खिलाफ राजनीतिक दबाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की। मूर्तियां तोड़ने की साजिश रचने वाले अपराधी स्थानीय विधायक से कथित संरक्षण प्राप्त हैं और प्रशासन विधायक के दबाव में कार्य कर रहा है। अधिकांश लोगों का मानना है कि यह सब सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हुआ है। एक तरफ देश सीमा पर तनाव झेल रहा है और दूसरी तरफ राष्ट्र विरोधी ताकतें भारत को अन्दर से अस्थिर और अशांत करने की कोशिश कर रही हैं। जनता के अनुसार ऐसा घृणित कृत्य निश्चित ही देश में अशांति फैलाने की योजना का अंग था।लोगों ने प्रशासन के रवैये से दु:खी होकर जनपद के सभी इलाकों में शांतिपूर्ण विरोध जताया। हिन्दुओं की पीड़ा तब भी नहीं सुनी गई। चूरू जिला मुख्यालय पर जिला प्रशासन ने शांत तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों एवं ज्ञापन देने आए प्रतिनिधियों पर क्रूरतापूर्वक लाठीचार्ज करवाया। लोगों के अनुसार विदेशी षड्यंत्रकारियों ने शेखावाटी जनपद की शांति भंग करने एवं राष्ट्र को अस्थिर करने की एक गहरी साजिश रची थी। उल्लेखनीय है कि घटना की जांच करने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल जब वहां गया तो उनके सामने ही देशद्रोहियों ने-पाकिस्तान जिंदाबाद, जनरल परवेज मुशर्रफ जिंदाबाद, हिन्दुस्थान मुर्दाबाद-के नारे लगाए और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को जलाया और प्रशासन मूकदर्शक बना यह सब देखता रहा।तलपटभारत-ब्रिटिश सांझेदारी फल-फूल रही है। इस दोतरफा व्यापार के आठ अरब डालर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। ब्रिटेन, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत में सबसे अधिक संचयी निवेशकर्ताओं में से ब्रिटेन एक है। ब्रिटेन ने भारत में 4.38 अरब डालर का निवेश किया है। भारतीय कम्पनियां भी अब ब्रिटेन में निवेश करने लगी हैं। 1993 में भारत-ब्रिटिश साझेदारी की स्थापना के बाद से दोनों देशों के दोतरफा व्यापार में 70 प्रतिशत की वृद्ध हुई है।29
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