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— नरेन्द्र कोहली मन का विष-3सूर्य पुत्र की मन:स्थितियुधिष्ठिर के सम्मुख दुर्योधन खड़ा हो तो उसका तेज कर्ण को लुभा लेता है। वह दृढ़ है अपने स्थान पर। जहां भी खड़ा है, अपने पैर जमा कर खड़ा है। वह जानता है कि उसे क्या चाहिए। उसे संसार की कोई शक्ति न तो झुका सकत
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