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गुजरात चुनाव…

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Aug 12, 2002, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 12 Aug 2002 00:00:00

सेकुलर लोग अमन से रहना चाहते हैं-मुफ्ती शब्बीर अहमद सिद्धीकीअध्यक्ष, गुजरात चांद कमेटी व मुख्य संयोजक-आल इंडिया उलेमा काउंसिल अमदाबादअमदाबाद स्थित जामा मस्जिद के इमाम मुफ्ती शब्बीर अहमद सिद्दीकी इस बार के विधानसभा चुनावों पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने योजना बनाकर गोधरा और उसके बारे के दंगे कराए। वे चाहते हैं कि मुसलमान और सभी सेकुलर लोग अमन देने वाली सरकार चुनें। यहां प्रस्तुत हैं मुफ्ती शब्बीर अहमद से अमदाबाद में हुई बातचीत के मुख्य अंश-थ् मुसलमानों के मजहबी नेता के नाते गुजरात के चुनावों पर आपके क्या विचार हैं?दृ जिस मकसद (उद्देश्य) से फसाद (दंगा) कराया गया या उसके बाद जिस प्रकार से हिन्दुत्व के नाम पर मजहबी दंगे करने व कराने की कोशिश की गई, उसमें भाजपा सरकार को कोई खास कामयाबी नहीं मिली।थ् क्या मकसद रहा होगा….?दृ यही कि हिन्दू-मुसलमानों में तनाव पैदा करें। लेकिन वह मकसद पूरा नहीं हुआ। वैसे भी यहां के लोग इस (फसादात) से तंग आ चुके हैं। जिस समझ के साथ यह तनाव पैदा करने की कोशिश की गई थी, उसकी अलग ही प्रतिक्रिया हुई।थ्कैसी समझ?दृ वही…. चुनाव। हर जगह चुनावों में भाजपा की हार हो रही थी। पंचायत, जिला परिषद्, नगर पालिका, संसद के उपचुनावों में हार देखकर यह हुकूमत बौखला गई थी। इसी वजह से गोधरा कांड और उसके बाद गुजरात में जो कुछ हुआ, वह सब एक सोची-समझी चाल के तहत हुआ। कोई मुसलमान इस तरह की हरकत नहीं कर सकता।थ्गोधरा में मंसूबा था, यह कहने की वजह?रेल के डिब्बे में यह जरूरी तो नहीं था कि केवल हिन्दू ही थे। अगर मान लें कि इनके कहने के मुताबिक सब हिन्दू ही थे, तो आज तक उस कांड में हताहत हुए लोगों की सूची क्यों नहीं जाहिर (प्रकाशित) हुई?इस चुनाव में अब मुसलमानों का क्या रुख रहने वाला है?दृ चाहे हिन्दू हों या मुसलमान, हम सभी से यही अपील करेंगे कि जिस तरह गुजिश्ता जमाने (पूर्व में) में अमन से रहते आएं हैं, उसी तरह से हम मुस्तकबिल (भविष्य) में रहना चाहते हैं। हम और दूसरी कौम के सेकुलर लोग मिलकर ऐसी हुकूमत लाएं कि माजी (पहले) की ही तरह हमको अपने बलबूते सुख से खाने-कमाने दिया जाए। सूबे में अमन रहेगा तो सूबा तरक्की करेगा। हिन्दुओं का माली (आर्थिक) नुक्सान बहुत हुआ है। पर उनका माल हो या हमारा, माल है तो हमारे मुल्क का, सूबे का। कोई उसको नुकसान पहुंचाता है तो मैं उसको मुल्क का दुश्मन समझता हूं, चाहे वह मुसलमान हो या हिन्दू।16

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