राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के नाम खुला पत्र
Tuesday, March 21, 2023
  • Circulation
  • Advertise
  • About Us
  • Contact Us
Panchjanya
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
SUBSCRIBE
No Result
View All Result
  • ‌
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • अधिक ⋮
    • राज्य
    • Vocal4Local
    • विश्लेषण
    • मत अभिमत
    • रक्षा
    • संस्कृति
    • विज्ञान और तकनीक
    • खेल
    • मनोरंजन
    • शिक्षा
    • साक्षात्कार
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • लव जिहाद
    • ऑटो
    • जीवनशैली
    • पर्यावरण
No Result
View All Result
Panchjanya
No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • G20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • संघ
  • My States
  • Vocal4Local
  • Subscribe
होम Archive

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के नाम खुला पत्र

Archive Manager by
May 5, 2002, 12:00 am IST
in Archive
Share on FacebookShare on TwitterTelegramEmail

दिंनाक: 05 May 2002 00:00:00

कार्रवाई गुजरात में ही क्यों, जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं?महोदय,मैं उन लाखों अभागों में से एक हूं जिन्हें बिना किसी कारण के कश्मीर में अपना घर-द्वार छोड़कर वहां से निकल जाने को मजबूर किया गया। मेरा दोष सिर्फ इतना ही है कि मैं भारत का एक देशभक्त नागरिक हूं। मुझे किन्हीं विदेशी शक्तियों ने कश्मीर छोड़ने को मजबूर नहीं किया, बल्कि मुझे मजबूर करने वाले मेरे अपने ही थे, जिन्हें मैंने अपना प्यार और स्नेह दिया। मैं कुछ ऐसे व्यक्तियों के नाम बताना चाहता हूं, जिन्हें बिना किसी कारण के दिनदहाड़े निर्दयतापूर्वक मारा गया, ये हैं-श्री टीका लाल टपलू (जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता), पं. नीलकांत गंजू (सेवानिवृत्त सत्र न्यायाधीश) और पं. प्रेमनाथ भट्ट (अनंतनाग के वरिष्ठ अधिवक्ता)।ये तीनों व्यक्ति शांति-प्रिय, पंथनिरपेक्ष और देशभक्त थे।स्वर्गीय टीका लाल टपलू को उनके घर के बाहर ही गोलियों से भून दिया गया, क्योंकि उन्होंने बार एसोसिएशन के सामने कह दिया था कि उन्हें जान से मारने वाला कोई पैदा नहीं हुआ।स्वर्गीय पं. नीलकांत गंजू को सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में हरी सिंह स्ट्रीट पर गोलियों से बर्बरतापूर्वक भून दिया गया। उन्होंने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मकबूल बट्ट को सत्र न्यायाधीश की हैसियत से दोषी करार दिया था। बाद में सर्वोच्च न्यायालय ने भी इसकी पुष्टि की। इस मामले में सभी चश्मदीद गवाह मुस्लिम थे। उनमें से कोई भी नहीं मारा गया।स्वर्गीय प्रेमनाथ भट्ट की दिनदहाड़े उनके घर के पास हत्या कर दी गई। वे राष्ट्रभक्त थे और उन्होंने विस्थापितों की सहायता के लिए धन एकत्र किया था। उन्होंने मुसलमानों की भी बेहिचक सहायता की थी।कश्मीर घाटी में इन्हीं लोगों की तरह अनेक कवि, पत्रकार, लोक हितैषी और शांतिप्रिय बेकसूर नागरिक मारे गए। और कई अपना घर-बार छोड़कर जम्मू और देश के अन्य भागों में खानाबदोशों की तरह तम्बुओं और छोटी-छोटी कोठरियों में जीवन काट रहे हैं। उनके घर नष्ट कर दिए गए, जला दिए गए, लूट लिए गए और बर्बाद होते घरों की इस दशा पर आंसू बहाने के लिए वहां कोई नहीं पहुंचा। यहां तक कि किसी राजनीतिक दल के नेता या बड़े अधिकारी भी महीनों-वर्षों तक उन विस्थापितों के आंसू पोंछने नहीं गए।मंजूर दर्जी नामक एक व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उसने श्री प्रेमनाथ भट्ट सहित 36 लोगों को मौत के घाट उतारा। कई वर्षों से वह जेल में है। उसने जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक की अनन्तनाग शाखा से से डेढ़ करोड़ रुपए लूटे, लेकिन उसके मामले की सुनवाई के लिए किसी भी विशेष अदालत का गठन नहीं किया गया।दु:ख है कि आज तक किसी भी मानवाधिकार संगठन ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि उन्हें क्यों मारा गया? क्यों प्रताड़ित किया गया? उनके घर क्यों जलाए गए? उन मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों का गठन क्यों नहीं किया गया? किसी स्वतंत्र जांच संस्था या सी.बी.आई. द्वारा इन मामलों की जांच क्यों नहीं कराई गई?महोदय, क्या हम इंसान नहीं हैं! कार्रवाई सिर्फ गुजरात में ही क्यों, जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं? जम्मू-कश्मीर सरकार के खिलाफ कोई रपट क्यों नहीं उजागर हो रही? जबकि जम्मू में तम्बुओं में विस्थापितों की तरह रह रहे अधिकतर लोग अगर गोलियों से नहीं भूने जा रहे हैं तो गर्मी और सांप के काटने से मर रहे हैं।एच.एल. जाडमूल निवासी, नाजुक मोहल्ला, अनंतनाग, कश्मीरवर्तमान पता-2ए, पाकेट ए/9,कालकाजी एक्सटेंशन, नई दिल्ली-11001919

ShareTweetSendShareSend
Previous News

राष्ट्र सेविका समिति की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में आह्वान

Next News

कही-अनकही

संबंधित समाचार

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला, अमेरिका ने निंदा कर बताया अस्वीकार्य

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला, अमेरिका ने निंदा कर बताया अस्वीकार्य

बरेली जेल में साजिश मामले में फरार चल रहे माफिया के गुर्गे लल्ला गद्दी ने आधी रात को बरेली में एसओजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, कई टीमें उससे पूछताछ में जुटी हैं।

प्रयागराज कांड: बुलडोजर से घबराए सपा नेता लल्ला गद्दी ने बरेली पुलिस के सामने किया सरेंडर

साख के सौदागरों का सच से सामना

साख के सौदागरों का सच से सामना

तिहाड़ से सत्येंद्र जैन का चौथा वीडियो आया सामने

ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत का किया विरोध, कहा- गवाहों की जान को हो सकता है खतरा

श्रद्धा मर्डर केस : नार्को टेस्ट में सब राज उगलेगा आफताब, कोर्ट ने पुलिस को दिए ये आदेश

“आफताब खोज लेगा और मार देगा”, टुकड़ों में काटने की धमकी देता था, कोर्ट में चला श्रद्धा का वीडियो

उमेश पाल हत्याकांड : 5 लाख के इनामी शूटर गुलाम मोहम्मद के घर पर चला बुलडोजर

उमेश पाल हत्याकांड : 5 लाख के इनामी शूटर गुलाम मोहम्मद के घर पर चला बुलडोजर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला, अमेरिका ने निंदा कर बताया अस्वीकार्य

सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला, अमेरिका ने निंदा कर बताया अस्वीकार्य

बरेली जेल में साजिश मामले में फरार चल रहे माफिया के गुर्गे लल्ला गद्दी ने आधी रात को बरेली में एसओजी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, कई टीमें उससे पूछताछ में जुटी हैं।

प्रयागराज कांड: बुलडोजर से घबराए सपा नेता लल्ला गद्दी ने बरेली पुलिस के सामने किया सरेंडर

साख के सौदागरों का सच से सामना

साख के सौदागरों का सच से सामना

तिहाड़ से सत्येंद्र जैन का चौथा वीडियो आया सामने

ईडी ने सत्येंद्र जैन की जमानत का किया विरोध, कहा- गवाहों की जान को हो सकता है खतरा

श्रद्धा मर्डर केस : नार्को टेस्ट में सब राज उगलेगा आफताब, कोर्ट ने पुलिस को दिए ये आदेश

“आफताब खोज लेगा और मार देगा”, टुकड़ों में काटने की धमकी देता था, कोर्ट में चला श्रद्धा का वीडियो

उमेश पाल हत्याकांड : 5 लाख के इनामी शूटर गुलाम मोहम्मद के घर पर चला बुलडोजर

उमेश पाल हत्याकांड : 5 लाख के इनामी शूटर गुलाम मोहम्मद के घर पर चला बुलडोजर

पूर्व विधायक विजय मिश्रा की 1 करोड़ 84 लाख की संपत्ति कुर्क

बाहुबली विजय मिश्र को 5 साल की सजा

मध्यप्रदेश : बारिश-ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान, चार दिन में आकाशीय बिजली गिरने से 22 की मौत

मध्यप्रदेश : बारिश-ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान, चार दिन में आकाशीय बिजली गिरने से 22 की मौत

महाराष्ट्र के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

रामसेतु मामले पर जल्द सुनवाई करेगा सु्प्रीम कोर्ट, राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की है मांग

दिल्ली की कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को 4 मार्च तक सीबीआई रिमांड पर भेजा

दिल्ली आबकारी नीति घोटालाः मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

No Result
View All Result
  • होम
  • भारत
  • विश्व
  • जी20
  • सम्पादकीय
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • संघ
  • राज्य
  • Vocal4Local
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • बिजनेस
  • विज्ञान और तकनीक
  • खेल
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • साक्षात्कार
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • जीवनशैली
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • संविधान
  • पर्यावरण
  • ऑटो
  • लव जिहाद
  • श्रद्धांजलि
  • Subscribe
  • About Us
  • Contact Us
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies