|
कृपालु पाठक इस स्तम्भ हेतु हिन्दी की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अंग्रेजी के अस्वीकार्य प्रयोग के उदाहरण हमें भेजें। भेजने का तरीका यह है कि जिस लेख, सम्पादकीय, समाचार आदि में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग उन्हें खटकने वाला और अनावश्यक प्रतीत हो, उसकी एक कतरन अथवा मूल अंश की छाया प्रति हमें भेज दें। कतरन या छाया प्रति के नीचे समाचार पत्र या पत्रिका का नाम, उसके प्रकाशन की तिथि तथा पत्र-पत्रिका के प्रकाशन के स्थान का स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक है। साथ में अपना पता भी साफ- साफ लिखकर भेजें। प्रत्येक प्रकाशित उदाहरण पर 50 रुपए का पुरस्कार है। जो पाठक अस्वीकार्य शीर्षक के स्थान पर प्रयुक्त हो सकने वाले शीर्षक का स्वीकार्य सुझाव भी भेजेंगे, उन्हें 50 रु. का अतिरिक्त पुरस्कार दिया जाएगा।थिएटर में लाइव कांटेक्ट होता हैदिल्ली से प्रकाशित दैनिक जागरण के9 अप्रैल, 2002 अंक सेइसे भेजने वाले हैं- श्री संदीप जेटलीएफ-35, कमला नगर, दिल्लीऔर इनका सुझावउक्त पंक्ति इस प्रकार भी लिखी जा सकती थी-सीधे संवाद का माध्यम है रंगमंचपता-ऐसी भाषा-कैसी भाषा?पाञ्चजन्य, संस्कृति भवन,देशबंधु गुप्ता मार्ग, झण्डेवाला, नई दिल्ली-11005511
टिप्पणियाँ