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दरार पैदा करने वाले निराश ही हुए-अशोक सिंहल, अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विश्व हिन्दू परिषदथ् नेपाल नरेश के साथ आपकी भेंट में किन-किन विषयों पर बातचीत हुई?दृ मैंने नेपाल नरेश श्री 5 ज्ञानेन्द्र को वि·श्व स्तर पर हो रहीं हिन्दू गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने मुझसे कहा कि वे भी चाहते हैं कि नेपाल में भी हिन्दू संगठन सम्बंधी गतिविधियां और अधिक तेजी के साथ हों और नेपाली जनता में धार्मिक निष्ठा बढ़े। श्री 5 ज्ञानेन्द्र ने कहा कि महत्वपूर्ण हिन्दू सम्मेलनों में भाग लेने की वे हरसंभव कोशिश करेंगे।थ् नेपाल में आपातकाल और माओवादी समस्या के सन्दर्भ में भी क्या कोई बात हुई?दृ नेपाल के आसन्न संकटों के प्रति वे पूरी तरह जागरूक हैं, इसलिए इन समस्याओं के समाधान की दिशा में वे उदासीन नहीं रह सकते।थ् आपके विचार में हिन्दू संगठनों की प्राथमिकता क्या होनी चाहिए?दृ मेरे विचार में हिन्दू धर्म-संस्कृति के प्रति चेतना जगाना और विधर्मियों के षडयंत्रों से हिन्दू समाज की रक्षा ही हिन्दू संगठनों की प्राथमिकता होनी चाहिए। ऐसा तब हो सकता है, जब निरक्षरता मिटेगी, क्योंकि एक निरक्षर व्यक्ति यह नहीं समझ सकता कि धर्म क्या है। जनचेतना और जनजागृति आने पर ही कोई व्यक्ति अपने धर्म और संस्कृति की महत्ता को समझ सकेगा और उस दिशा में उन्मुख भी होगा। परन्तु इसके लिए हिन्दू समाज के अन्दर सामाजिक प्रतिबद्धता बहुत जरूरी है।थ् नेपाल-भारत सम्बंध के बारे में आपकी क्या प्रतिक्रिया है?दृ भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक सम्बंध हैं। नेपाल में करीब 32 हजार से भी अधिक ऐसी गैर सामाजिक संस्थाएं काम कर रही हैं जिनका मुख्य उद्देश्य नेपाल के युवाओं में भारत विरोधी भावना पैदा करना ही प्रतीत होता है। यह दूसरी बात है कि भारत-नेपाल जैसे दो मित्र देशों के बीच दरार पैदा करने में उन्हें आज तक सफलता नहीं मिल पायी है, क्योंकि भारत और नेपाल की मित्रता में दरार पैदा करना पानी पर लकीर खींचने जैसा दुष्कर काम है। दोनों देश के हित साझे हैं अत: भविष्य में भी दोनों देशों के बीच अच्छे सम्बंध बने रहेंगे। परन्तु इस दिशा में कुछ ऐसे भी कार्यक्रम होते रहने चाहिएं जिनसे सम्बंध और अधिक मजबूत हों और समृद्धि आए। द20
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