दिंनाक: 03 Nov 2001 00:00:00 |
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ब्राह्मपुत्र दर्शन– प्रतिनिधिअरुणाचल में दिबांग के तट पर गत 24 फरवरी को राष्ट्रीय एकता का एक नया अध्याय रचा गया जब ब्राह्मपुत्र की उपनदी दिबांग में सिन्धु का जल प्रवाहित किया गया। प्रवाहित करने वाले थे गृहमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री अनन्त कुमार और अरुणाचल के मुख्यमंत्री श्री मुकुट मिथी। यह आयोजन था ब्राह्मपुत्र दर्शन का जिसकी कल्पना की थी अरुणाचल के मुख्यमंत्री श्री मुकुट मिथी ने। जब वे पिछले वर्ष सिन्धु दर्शन उत्सव में भाग लेने लेह आए थे तो उनके मन में यह विचार आया कि जिस प्रकार सिन्धु के तट पर राष्ट्रीय एकता और वीर जवानों के प्रति सम्मान प्रकट करने का यह उत्सव यहां होता है, वैसा ही कार्यक्रम ब्राह्मपुत्र के तट पर आयोजित किया जाए। वे स्वयं अरुणाचल से ब्राह्मपुत्र का जल लेकर आए थे जिसे प्रधानमंत्री श्री वाजपेयी सहित वरिष्ठ नेताओं ने सिन्धु में अर्पित किया था। इससे पूर्व भी पहला सिन्धु दर्शन 1997 में आयोजित किया गया था तब भी अरुणाचल के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री गेगांग अपांग ने अपने सहयोगी मंत्री श्री कालिकोपुल को ब्राह्मपुत्र का जल लेकर भेजा था।अरुणाचलवासी अपनी संस्कृति और परम्परा से जुड़े रहें-लालकृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय गृहमंत्रीश्री मुकुट मिथी की ब्राह्मपुत्र दर्शन की कल्पना को साकार करने में केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री अनन्त कुमार ने भी पूरा सहयोग दिया और इस आयोजन को केन्द्रीय गृहमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी तथा केन्द्रीय रक्षा मंत्री श्री जार्ज फर्नांडीस का भी आशीर्वाद मिला। अरुणाचल के राज्यपाल श्री अरविन्द दवे ने आग्रहपूर्वक ब्राह्मपुत्र दर्शन का आयोजन शीघ्र ही फरवरी में करवाने पर बल दिया। कुल मिलाकर एक ऐसी उत्सवी शुरुआत हुई जिसका आने वाले समय में राष्ट्रीय एकात्मता के सर्वमान्य एवं सार्वदेशिक कार्यक्रमों में विशेष महत्व होगा। इस अवसर पर श्री आडवाणी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अरुणाचलवासियों को अपनी संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान देना होगा। उन्होंने याद दिलाया कि इसी क्षेत्र से रुक्मिणी का सम्बंध रहा है, जिनकी पुकार पर श्रीकृष्ण द्वारिका से चले आए थे। मैं संसद में गुजरात का प्रतिनिधित्व करता हूं। न सिर्फ गुजरात अरुणाचल से जुड़ा है, बल्कि सिन्धु का जल ब्राह्मपुत्र की उपनदी दिबांग में मिलाने के बाद जम्मू-कश्मीर से भी भावनात्मक सम्बंध प्रबल हुआ है।इससे पूर्व श्री अनन्त कुमार ने दिबांग में एक यात्री निवास तथा संस्कृति केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की । वास्तव में ब्राह्मपुत्र दर्शन के मुख्य आयोजन, 24 फरवरी से एक दिन पूर्व श्री आडवाणी ने दिबांग में यात्री निवास का शिलान्यास भी किया।इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश कीलोक संस्कृति की छटा बिखेरते हुए विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए तथा यहां प्रतिवर्ष ब्राह्मपुत्र दर्शन आयोजन करने का निर्णय लिया गया।श्री आडवाणी के नागालैंड रवाना होने के कुछ देर बाद ही रक्षा मंत्री श्री जार्ज फर्नांडीस भी ब्राह्मपुत्र दर्शन में सम्मिलित होने के लिए आए। उन्होंने पर्यावरण के सम्बंध में चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि जंगल कट जाएंगे तो ब्राह्मपुत्र का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने इस क्षेत्र की सुरक्षा के सम्बंध में भी सचेत रहने का आह्वान किया।25
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