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राहत से निर्माण तकअक्तूबर, 1999 में उड़ीसा में महाचक्रवात आया था। अपार जान-माल की क्षति हुई थी। हजारों गांवों का नामो-निशान मिट गया था। सरकार के साथ-साथ अनेक स्वयंसेवी एवं धार्मिक संगठन अपने-अपने स्तर पर राहत कार्य में जुट गए। चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों में स्वामिनारायण पंथ के कार्यकर्ता पहले राहत कार्य में जुटे, फिर निर्माण कार्य में। स्वामिनारायण पंथ के कार्यकत्र्ताओं ने 84 गांवों के 65 हजार लोगों के बीच खाद्य-सामग्री, कपड़े और अन्य वस्तुओं का वितरण किया। तत्पश्चात् संस्था की ओर से जगतसिंहपुर जिले के सर्वाधिक प्रभावित दो गांवों-चाकुलिया और बनीपाट को गोद लेकर पुनर्निर्माण का जिम्मा लिया गया। स्वामिनारायण पंथ के प्रमुख स्वामी जी महाराज ने दोनों गांवों में 140 पक्के मकान बनवाने का लक्ष्य रखा। 20 फरवरी, 2000 वसंत पंचमी के दिन चाकुलिया गांव के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। स्वामिनारायण पंथ के सन्तों और अनुयायियों के अथक परिश्रम से पुनर्निर्माण का कार्य अनवरत चलता रहा। मेहनत रंग भी लाई और मात्र 15 माह में इन दोनों गांवों का कायाकल्प हो गया। मकानों के अतिरिक्त मंदिर और पाठशालाओं का भी निर्माण किया गया। गत 6 जून को प्रमुख स्वामीजी महाराज और जगन्नाथपुरी के महाराजा गजपति दिव्य सिंहदेव ने बनीपाट में नवनिर्मित मन्दिर में श्री अक्षरपुरुषोत्तम और जगन्नाथ भगवान की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा की। इसके पश्चात् बनीपाट और चाकुलिया में नवनिर्मित मकानों को ग्रामवासियों को समर्पित किया गया।– प्रतिनिधि10
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