|
–डा. योगेन्द्र सिंह
प्रवीण, मंगलगढ़ (म.प्र.)
थ् मेरी आयु 15 वर्ष है। मेरी समस्या यह है कि मुझे वर्ष भर सर्दी का प्रकोप रहता है। इस कारण मैं बहुत परेशान रहता हूं। कृपया इस रोग से छुटकारा दिलाएं।
दृ सर्वप्रथम तो आप अपनी नासिका साफ रखें। इसकी विधि है-मौसम के अनुसार जल लेकर, जैसे सर्दियों में थोड़ा गुनगुना जल लेकर, उसे नासिका द्वारा अन्दर ले जाएं एवं मुख से बाहर निकाल दें। इसके लिए आपको धीरे-धीरे अभ्यास करना पड़ेगा। जैसे-जैसे आप नाक द्वारा पानी ठीक प्रकार से अन्दर ले जा सकेंगे, वैसे-वैसे आपकी सर्दी कम होती जाएगी। स्नान करते समय मुख में पानी भरकर रखें एवं स्नान करने के बाद उसे बहार निकाल दें। औषधि के रूप में आप शीतकाल में एक चम्मच अदरक के रस में दो चम्मच शहद और 5 काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में एक बार सेवन करें। इससे भी आपकी सर्दी धीरे-धीरे दूर हो जाएगी। चित्रक- हरीतकी (झण्डू फार्मेमी) की एक-एक चम्मच दवा प्रात: व सायं गर्म दूध से सेवन करें। इससे भी लाभ मिलेगा।
प्रमोद कुमार गहलौत, मुरादाबाद (उ.प्र.)
थ् पिछले दो वर्षों से खूनी एवं वादी बवासीर से पीड़ित हूं। पिछले वर्ष अक्तूबर में धागा बंधवाकर (थ्रेडिंग द्वारा) इलाज करवाया था, मस्से कटकर गिर गए थे। एक वर्ष पूर्णतया ठीक रहा। परन्तु अब फिर आठ-दस बूंद खून शौच के साथ आता है। जबकि अर्शोधनवटी, अर्श कुठार रस एवं अभयारिष्ट का सेवन करता हूं तथा भोजन भी सादा ही करता हूं। कृपया इलाज बताएं।
दृ आप हल्का और सुपाच्य भोजन ले रहे हैं, यह अच्छा है। कब्ज न हो इसके लिए आप ईसबगोल या हरड़ का चूर्ण रात को अवश्य लें, क्योंकि मल जरा भी सख्त हुआ तो आपको खून आ सकता है। आप अर्श कुठार, अर्शोधन एवं अभयारिष्ट औषधि का सेवन करते रहें। साथ में बोलबद्ध रस की एक-एक गोली का सेवन भी करें, इससे खून आना बंद हो जाएगा।
कमला, देहरादून (उत्तराञ्चल)
थ् मेरी आयु 28 वर्ष के लगभग है। मेरी कमर में नीचे की ओर दर्द रहता है। पेट ठीक नहीं रहता, थोड़ा-थोड़ा दर्द बना रहता है। खाना हजम नहीं होता। कुछ भी खाने पर शौच के लिए जाना पड़ता है। मैंने एलोपैथिक उपचार बहुत करवाया, मगर आराम नहीं मिला। कृपया निदान सुझाएं।
दृ आप शूल वज्रणी वटी की एक-एक गोली का दिन में तीन बार सेवन करें। साथ में क्रव्यादि रस की एक-एक गोली भी तीन बार लें। उपरोक्त दोनों दवाइयां आप एक माह तक लें। ये दवाइयां सभी अच्छे आयुर्वेदिक दवा विक्रेताओं के यहां मिल जाएंगी।
गंगाशंकर, हैदराबाद (आ.प्र.)
थ् श्रवण शक्ति का ह्मास हो गया है, कानों में सांय-सांय की आवाज होती है। कृपया निदान बताएं।
दृ आपको किसी चिकित्सक से जांच करानी चाहिए। जैसा वे कहें, वैसा करते जाइए। यदि उन्होंने श्रवण यंत्र का प्रयोग करने के लिए कहा है तो उसका प्रयोग करने में कोई हर्ज नहीं है। इससे आपको अपना काम करने में सुविधा होगी। इसके साथ-साथ आप आयुर्वेदिक चिकित्सा कर सकते हैं। आप सारिवादि वटी की दो गोली प्रात:, दोपहर एवं रात्रि में तीन माह तक सेवन करें। इससे सांय-सांय की आवाज ठीक हो सकती है और संभवत: श्रवण शक्ति में भी कुछ लाभ हो।
हमारे विशेषज्ञ
1. डा. हर्षवर्धन, (एम.बी.बी.एस., एम.एस.) नाक, कान एवं गले के देश के सुप्रसिद्ध चिकित्सक हैं। वह दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। सम्प्रति वि·श्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण एशिया के सलाहकार हैं।
2. डा. इन्द्रनील बसु राय, (एम.बी.बी.एस., एम.डी.) कलकत्ता के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ हैं।
3. डा योगेन्द्र सिंह, (आयुर्वेदाचार्य) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली कार्यालय स्थित केशव चिकित्सालय एवं वि·श्व हिन्दू परिषद् के मुख्यालय रामकृष्णपुरम्, नई दिल्ली स्थित चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी हैं।
पाठकगण अपनी समस्याएं इस पते पर भेज सकते हैं। रोग का विवरण, अपना नाम एवं पता साफ-साफ अक्षरों में लिखें। उत्तर पाने के लिए आवश्यक है कि बगल में लिखा गया पता लिफाफे पर चिपकाया जाए।
आरोग्य चर्चा
द्वारा सम्पादक, पाञ्चजन्य
संस्कृति भवन, झण्डेवाला
देशबन्धु गुप्ता मार्ग, नई दिल्ली-110055
6
टिप्पणियाँ