दिशादर्शन भारत और सऊदी अरब में सहयोग का नया अध्याय
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दिशादर्शन भारत और सऊदी अरब में सहयोग का नया अध्याय

by
Apr 2, 2001, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 Apr 2001 00:00:00

कुछ अजब, कुछ अलग

–तरुण विजय

यह तो कुछ अलग, अजब-सा ही अनुभव था। सऊदी अरब यानी सऊदी अरब ही है। सिर्फ एक मुस्लिम देश ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिकांश मुस्लिम देशों का परोक्ष-अपरोक्ष नेतृत्व उसी के पास इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि सऊदी अरब में ही मक्का-मदीना है।

दुनिया भर के मुसलमानों के लिए, चाहे वे किसी भी इस्लामी धारा को मानने वाले हों, हज करना जरूरी है। इसलिए हर साल लाखों लोग दुनिया के कोने-कोने से सऊदी अरब जाते ही हैं। वहां की संस्कृति, सभ्यता एवं आचार-विचार का अपना एक अलग वि·श्व है। ऊपर से असंदिग्ध कट्टर हैं। ऐसे एक देश से भारत के सम्बंधों में मधुरता लाने का प्रयास, और वह भी उस भाजपा नीत सरकार द्वारा, जिसके बारे में मुस्लिम समाज और मुस्लिम देशों में जाने क्या-क्या कहा जाता है! उसी भाजपा के सांसद और भाजपानीत सरकार के विदेश मंत्री श्री जसवंत सिंह को जब सऊदी अरब की यात्रा का निमंत्रण मिले और वे वहां जाएं और उनका असाधारण स्वागत हो, सामान्य सरकारी शिष्टाचार से हटकर वहां के शहजादे, जो शाह के बाद सबसे बड़े माने जाते हैं, श्री जसवंत सिंह का स्वागत करने विमान तल पर उनके विमान तक आएं तो इसे कैसे किस रूप में समझा जाए? शाह फहद से लेकर अन्य अनेक मंत्रियों तथा विभिन्न अधिकारिक स्तरों पर जिस गर्मजोशी के साथ बातचीत हुई, वह इस बात का प्रमाण है कि हमें मुस्लिम देशों को पाकिस्तान से जोड़कर न तो देखना चाहिए और न ही पूर्वाग्रह के साथ शुरुआत करनी चाहिए। पिछले 22 वर्षों में श्री जसवंत सिंह भारत के पहले विदेश मंत्री हैं जो सऊदी अरब की यात्रा पर गए। भारत जिहाद का वार झेल रहा है। पाकिस्तान भारत को तोड़ने की साजिश के साथ उस जिहाद का संचालन कर रहा है। उसे सऊदी अरब से काफी अधिक सहायता मिलती है। अमरीका और सऊदी अरब के प्रभाव के कारण ही पाकिस्तान के फौजी शासक परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ को माफी देकर सऊदी अरब जाने दिया जहां अब वे निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस प्रकार के आरोप भी हैं कि कश्मीर में मुस्लिम आतंकवादियों द्वारा चलाए जा रहे जिहाद को सऊदी अरब से पैसा मिलता है और तालिबानों को भी सऊदी समर्थन है। इस पृष्ठभूमि में भारत का सऊदी अरब के साथ किस सीमा तक सहयोग हो सकता है?

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जितनी बातें सऊदी अरब के बारे में बताई जा रही हैं, क्या उनको अक्षरश: सही मानकर हम अपनी नीति निर्धारित करें या अपनी ओर से सीधे सऊदियों से सम्बंध बढ़ाकर बात साफ करने की कोशिश करें और इस प्रयास में अगर थोड़ी-बहुत दोस्ती की गुंजाइश हो तो इसे बढ़ाया जाए? इसमें नुकसान तो कुछ होगा नहीं। अंतत: बात बनेगी तो देश को लाभ ही होगा और फिर सबसे बढ़कर दुश्मन का खेमा बंटेगा। श्री जसवंत सिंह की सऊदी अरब की यात्रा मात्र से पाकिस्तान इस प्रकार तिलमिला गया कि उसने निहायत मूर्खतापूर्ण कूटनीति का परिचय देते हुए इस यात्रा के विरोध में बयान जारी कर दिया। इसकी सऊदी शासकों में निश्चय ही अच्छी प्रतिक्रिया नहीं हुई। उन्होंने हर संभव मौके पर भारत और भारतीयों की खुलकर प्रशंसा की। श्री जसवंत सिंह को शहजादा अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज ने अपने फार्म हाउस पर भोजन के लिए आमंत्रित किया और उत्कृष्ट अरबी नस्ल के दो घोड़े उन्हें उपहार में दिए। सऊदी राजनयिकों के अनुसार इस प्रकार गर्मजोशी से भरा स्वागत 1982 में श्रीमती गांधी का भी नहीं हुआ था। और आज तक किसी भी विदेश मंत्री को इस प्रकार सम्मानित नहीं किया गया।

हम लोग अक्सर पश्चिम एशिया की राजनीति के बारे में जाने-समझे बिना मन बना लेते हैं-मुस्लिम देश है, अरब है, कट्टरपंथी है- वह भला हमारे साथ क्यों आएगा? उससे बात करने का अर्थ ही क्या है? यह कितनी गलत सोच है, यह सऊदी अरब जाने पर ही पता चला। पहली बात तो यह है कि कोई भी दो मुस्लिम देश आपस में दोस्त नहीं हैं। अधिकांश मुस्लिम देशों का आपस में वैर चल रहा है। मुस्लिम देशों के आपसी संघर्षों में ही आज तक वि·श्व युद्ध के बाद सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। जिन मुस्लिम देशों में आपसी प्रगाढ़ सम्बंध देखे जाते हैं, वहां भी सम्बंधों का आधार मजहब नहीं है, व्यापार है या भू-राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कूटनीति है। दुनिया के किन्हीं दो देशों में कूटनीतिक सम्बंधों मजहब, पंथ या सम्प्रदाय नहीं, व्यापार, आर्थिक लाभालाभ और अन्य प्रभाव मुख्य भूमिका निभाते हैं। सऊदी अरब में वर्तमान शाह फहद का शासन अमरीकी सैन्य शक्ति के संरक्षण पर निर्भर है। इसकी उसे भीतर ही भीतर तकलीफ भी है। कुवैत युद्ध में अमरीका ने सऊदी अरब की सहायता के बदले सऊदी शासन से 58 अरब डालर भी लिए हैं। सऊदी अरब की रक्षा के लिए तैनात अमरीकी थल व वायुसेना का खर्च भी सऊदी अरब शासन को ही उठाना पड़ता है। वह केवल अमरीका के सहारे का बंधक बनकर रहने के खतरे को भी समझता है। इसलिए अब उसको महाशक्ति के रूप में उभरते भारत के साथ दोस्ती की आवश्यकता और अनिवार्यता महसूस हो रही है। देश के शीर्षस्थ कूटनीतिज्ञ विशेषज्ञों का कहना है कि सऊदी अरब स्वयं इस्लामी कट्टरपंथ के खतरों से जूझ रहा है। यह बात आश्चर्यजनक जरूर लगे पर सत्य है। तालिबानों को उसने मान्यता जरूर दी थी मगर अब सम्बंध वाकई ठण्डे बस्ते में डाल दिए गए हैं। पाकिस्तान के बारे में सऊदी अरब के शहजादे अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज ने स्पष्ट बयान दिया कि यह सही है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब मुस्लिम देश हैं, लेकिन जहां तक द्विपक्षीय सम्बंधों की बात है तो हम पक्षपात रहित कूटनीति में वि·श्वास करते हैं। जहां तक जिहादी संगठनों को सरकार के समर्थन का आरोप है, उस बारे में बात आगे की जा सकती है, पर सऊदी अरब प्रेक्षकों का मत है कि इस मामले में और मस्जिदों तथा मदरसों के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता के मामले में अनेक सऊदी संगठन सक्रिय हो सकते हैं, जो इस्लाम के नाम पर यह सब करते हैं। उनके बारे में सऊदी शासक कितना कुछ कर सकेंगे, इस सम्बंध में सऊदी शासक परिवार को वि·श्वास में लेकर कुछ प्रगति की जा सकती है। सऊदी अरब की कुल आबादी 1 करोड़ 20 लाख से 1 करोड़ 30 लाख मानी जाती है। वहां जनगणना नहीं होती। इसलिए ये आंकड़े अनुमानित ही हैं। इसके अलावा वहां लगभग 60 लाख गैर अरब कर्मचारी हैं, जिनमें से 15 लाख से कुछ अधिक भारतीय हैं। इनमें अधिकांश मुसलमान हैं। मोटे अनुमान के अनुसार इनमें 30 प्रतिशत हिन्दू तथा सिख कारीगर, अभियंता व चिकित्सक हैं। वे प्रतिवर्ष 4 अरब डालर यानी 1 खरब 80 अरब रुपए की विदेशी मुद्रा भारत भेजते हैं। सऊदी सरकार खुले तौर पर भारतीयों की प्रशंसा करती है। वहां, और यह सच है, यकीन मानिए, पाकिस्तानियों को पसंद नहीं किया जाता। भारतीयों को नौकरी में हमेशा वरीयता मिलती है। पर पाबंदियां भी हैं, इस्लामी पाबंदियां। महिलाओं पर बेहद पाबंदिया हैं। अबाया (बुर्का) पहने बिना और केवल आंखें खुली रहें और बाकी सर ढके बिना सऊदी महिलाएं बाहर नहीं निकल सकतीं। विदेशी गैर-मुस्लिमों पर भी यह कायदा लागू है और इसका स्वाद हमारे साथ गईं महिला पत्रकारों को भी चखना पड़ा। इस यात्रा के रोमांचक और रोचक पहलुओं के बारे में अगली बार।

4

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies