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कागज की नाव
शब्दों के
कंधों पर
बर्फ का जमाव,
कैसे चल पाएगी
कागज की नाव?
केसर की
क्यारी,
बारूदी शोर,
कानाफूसी
करते बादल मुंहजोर!
कोहरे की
साजिश से
घायल तब गांव!
मौसम है
आवारा
हवा भी खिलाफ,
किरणें भी
सोई हैं
ओढ़कर लिहाफ!
सठियाए
सूरज के
ठण्डे प्रस्ताव!
झुग्गी के
हिस्से की
धूप का सवाल,
कौन हल
करेगा बन
सत्य की मशाल?
संशय के
शिविरों में
धुंध का पड़ाव,
कैसे चल पाएगी
कागज की नाव?
द राधेश्याम बंधु
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