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– जय प्रकाश, अध्यक्ष, सूर्या फाउण्डेशन
कारगिल में हुई करारी हार के बाद उसकी भरपाई के लिए पाकिस्तान ने भारतीय विमान का अपहरण किया है, जिससे वह कुछ आतंकवादियों को छुड़ा कर पूरे वि·श्व समुदाय के सामने अपनी छद्म विजय साबित कर सके। उक्त विचार गत 28 दिसम्बर को नई दिल्ली में सूर्या फाउण्डेशन के अध्यक्ष श्री जय प्रकाश ने व्यक्त किए। सूर्या फाउण्डेशन द्वारा आई.सी. 814 विमान अपहरण पर आयोजित कार्यशाला में अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह संकट कारगिल का द्वितीय संस्करण है, जिसके माध्यम से पाकिस्तान भारत से बदला लेना चाहता है। लेकिन उसे यह समझ लेना चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं में कभी सफल नहीं होगा। विमान अपहर्ताओं में चार पाकिस्तानी नागरिकों के शामिल होने से पूरे विश्व के सामने पाकिस्तानी षड्यंत्र का खुलासा हो चुका है। भारत को वि·श्व जनमत के सहयोग से पाकिस्तान पर वि·श्वव्यापी दबाव बनाना चाहिए कि यदि बंधकों को किसी प्रकार की हानि पहुंचाई गई तो उसे भयंकर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। कार्यशाला में उपस्थित वास्तुकला के प्राध्यापक श्री बी.बी. पुरी, जो विमान अपहरण के ठीक एक दिन पूर्व उसी विमान से नई दिल्ली आए थे, ने बताया कि काठमाण्डू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच में अत्यधिक ढील दी जाती है। जब वे दिल्ली आ रहे थे तो न उनकी जांच हुई और न ही उनके सामान की। यहां तक कि उनके यात्रा पत्र पर उनका नाम भी नहीं लिखा था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के पूर्व निदेशक श्री एस.एस. दत्ता ने कहा कि सरकार को बड़ी सावधानी से काम लेना चाहिए। सरकार को आतंकवादियों की किसी भी मांग के सामने झुकना नहीं चाहिए।
कार्यशाला में प्रमुख रूप से सीमा सुरक्षा बल के पूर्व महानिदेशक श्री प्रकाश सिंह, सेना मामलों के गुप्तचर विशेषज्ञ श्री जे.एस. ओबेराय, पूर्व राजदूत श्री चटवाल व अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित थे।
द प्रतिनिधि
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