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-न्यायमूर्ति गुरुशरण लाल श्रीवास्तव, भूतपूर्व न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, भारतीय विद्या भवन (से.वि.)
अपहरण का कारण तो स्पष्ट है। यह सब पाकिस्तान कर रहा है। एक ओर वह कश्मीरी उग्रवादियों का साथ देता है, दूसरी ओर उसके साथ तालिबानी भी जुड़ गए हैं। इस अपहरण का सम्बंध कश्मीर से है, क्योंकि उनके बहुत से आदमी बंद हैं, जिन्हें छुड़ाने के लिए उन्होंने यह एक रास्ता ढूंढा। परेशानी की बात यह है कि जब से स्वतंत्रता मिली है तब से देश में एक ढीलापन है। नेपाल से, आज से नहीं वर्षों से सामान आता है, बगैर कर दिए मगर शासन की कोई निगरानी नहीं है। आई.एस.आई. का वहां गढ़ बन गया है। अखबारों में बराबर आता रहा है। वहां पासपोर्ट का चलन नहीं है, बड़ी आसानी से कोई यहां आ सकता है। हमारे यहां बड़ी दिक्कत यह हो गई कि अब हमारे राजनीतिज्ञों को देश की कोई फिक्र नहीं रही। उनको अपने पद और उस पद से जो कुछ मिलता है बस उसकी फिक्र है। सब अपना पद बचाने में लगे हुए हैं। देश के लिए क्या आवश्यक है इस मामले में हम लोग बराबर लापरवाह रहे हैं। उसी का नतीजा है कि उन्होंने विमान का अपहरण किया गया और अपहर्ताओं ने अपने लोगों को छुड़ा लिया। जिहाद का अर्थ इस्लाम में बिल्कुल भिन्न है। अच्छे कार्य के लिए जो लड़ाई लड़ी जाती है उसको जिहाद कहते हैं। यह जिहाद नहीं है। द लखनऊ ब्यूरो
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