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जैसे जीवन के अन्य विभिन्न क्षेत्रों में स्वयंसेवकों ने हिन्दुत्वनिष्ठ विचारधारा के आधार पर कार्य प्रारंभ किया है उसी प्रकार राजनीति के क्षेत्र में भी अनेक स्वयंसेवकों ने राजनीति को एक विशिष्ट आयाम प्रदान किया है। प्रारंभ में भारतीय जनसंघ के माध्यम से और उसके पश्चात् भाजपा में ऐसे अनेक स्वयंसेवक और प्रचारक सक्रिय रहे हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रारंभिक वर्षों में प्रचारक रहे। उन्होंने पाञ्चजन्य, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन का संपादन किया तथा डा0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सहयोगी के नाते भारतीय जनसंघ के मंच से राजनीति में सक्रिय हुए। वे अपने आदर्श और प्रेरणा स्रोत स्व0 भाऊराव देवरस और स्व0 दीनदयाल उपाध्याय को मानते हैं।इसी प्रकार भारतीय राजनीति में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के उद्गाता श्री लालकृष्ण आडवाणी की छवि एक आदर्श स्वयंसेवक की है। वे 1947 से 1962 तक 15 वर्ष रा0स्व0संघ के प्रचारक रहे और उसके बाद जनसंघ के माध्यम से राजनीति में प्रविष्ट हुए। भारतीय राजनीति में छद्म सेकुलरवाद पर बहस चलाने, राम रथयात्रा सहित अनेक रथयात्राओं के माध्यम से प्रचार जन-जन में राष्ट्रवाद तथा हिन्दुत्व काअभिमान जागृत करने तथा राष्ट्र के विकास का एक सर्वमान्य राजनीतिक वातावरण तैयार करने में उनका योगदान रहा है। सम्प्रति वे भारत के गृहमंत्री हैं।30
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