|
असमंजस में मतदाता
द अमेठी से सर्वेश कुमार सिंह
उत्तर प्रदेश का अमेठी लोकसभा क्षेत्र इस समय खूब चर्चित है क्योंकि यहां कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी एवं अमेठी के राजा और भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह के बीच रोचक एवं कड़ा चुनावी संघर्ष हो रहा है। कांग्रेस की प्रचार-कमान जहां श्रीमती प्रियंका वढेरा ने संभाल रखी है, वहीं भाजपा प्रत्याशी डा. संजय सिंह की पत्नी श्रीमती अमिता सिंह स्वयं गांव-गांव, द्वार-द्वार घूम रही हैं। वोट मांगने के लिए कांग्रेस के पास जहां केवल स्व. राजीव गांधी का नाम है, वहीं दूसरी ओर भाजपा अटल जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांग रही है। अटल जी के नाम पर अमेठी का मतदाता उत्साहित है। साथ ही डा. संजय सिंह के पिता राजा रणंजय सिंह के क्षेत्र के विकास में योगदान की भी चर्चा है। किन्तु श्रीमती सोनिया गांधी के विदेशी होने का मुद्दा अमेठी में अभी प्रभावी नहीं है।
भाजपा प्रत्याशी डा. संजय सिंह के समर्थन में
बंगलौर से प्रचार करने आए दल के प्रमुख
श्री कृष्णमूर्ति महाराज विजय के लिए प्रार्थना करते हुए
इस लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की स्थिति का अनुमान क्षेत्र में प्रवेश करते ही मिल जाता है। लखनऊ से अमेठी पहुंचने के पूर्व तिलोई विधानसभा क्षेत्र पड़ता है। यह अमेठी लोकसभा क्षेत्र में ही है। यहां मुख्य मार्ग पर प्रख्यात कवि मलिक मुहम्मद जायसी का गांव है जायस। गांव में राजीव गांधी, प्रियंका और प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम लोगों की जुबान पर हैं। स्थानीय निवासी गोपाल कृष्ण अग्रवाल बताते हैं कि अमेठी का विकास राजीव गांधी ने कराया। उनकी पत्नी यहां से चुनाव लड़ रही हैं। इसलिए लोगों में सहानुभूति है, किन्तु दूसरी ओर सामने अटल जी दिखाई दे रहे हैं। इसलिए अटल जी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
यहां के कस्बों में भाजपा नेताओं की सभाओं में विशाल भीड़ जुट रही है। 21 सितम्बर को अमेठी में श्रीमती सुषमा स्वराज की जनसभा में लगभग 50 हजार लोग पहुंचे थे। यही हाल 22 सितम्बर को गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र के कस्बा जामों मंे था। यहां दोपहर एक बजे मुख्यमंत्री श्री कल्याण सिंह की जनसभा हुई। चिलचिलाती धूप में, जहां खड़ा होना मुश्किल हो रहा था, वहीं लगभग 25 हजार लोग दो घण्टे बैठे रहे। इसी सभा में प्रत्याशी डा. संजय सिंह ने ठेठ अवधी भाषा में भाषण दिया। इस सभा की विशालता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सभास्थल पर गांवों से ट्रैक्टर ट्राली में लोग इस तरह पहुंच रहे थे, जैसे किसी मेले में जा रहे हों। लोगों में उत्सव जैसा उत्साह था।
गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र के गांव मऊ में भाजपा और कांग्रेस समर्थकों की संख्या लगभग बराबर है। परचून की दुकान करने वाले कृष्ण स्वरूप मिश्रा ने गत चुनाव में भाजपा को वोट दिया था। इस बार चूंकि सोनिया गांधी चुनाव लड़ रही हैं इसलिए उन्हीं को वोट देंगे। लेकिन क्यों? इस प्रश्न के उत्तर में वह बताते हैं कि अमेठी में आज जो कुछ भी है वह राजीव गांधी की देन है। इसी गांव के रामदुलारे पासी ने भी कांग्रेस के प्रति निष्ठा जताई। गत चुनाव में वह भी भाजपा के साथ थे। इसके विपरीत छत्रपाल सिंह और अभिमन्यु सिंह भाजपा की जीत के प्रति आ·श्वस्त होकर बताते हैं कि यहां भाजपा का प्रभाव है। जो लोग कांग्रेस की बात कर रहे हैं वे भी एक-दो दिनों में भाजपा की ओर आ जाएंगे।
अमेठी में राजा रणंजय सिंह की विरासत की भी चर्चा है। लोग बताते हैं कि उन्होंने अमेठी में शिक्षा के प्रसार का महत्वपूर्ण कार्य किया था। आज जितने भी डिग्री एवं इण्टर कालेज यहां हैं, उन्हें खोलने में राजा साहब की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उनके श्रीमती इन्दिरा गांधी से पारिवारिक सम्बंध थे, क्योंकि पं. मोतीलाल नेहरू अमेठी राजपरिवार के अधिवक्ता थे। राजा साहब के कारण भी भाजपा प्रत्याशी संजय सिंह को काफी लाभ होगा। डा. संजय सिंह का जनसम्पर्क अभियान भी जनता में उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
डा. संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह के जनसम्पर्क का अंदाज बिल्कुल अलग है। वह गांवों में पहुंचकर सीधे घरों में जाती हैं तथा महिलाओं से संवाद स्थापित करती हैं। वह महिलाओं से कहती हैं कि गत चुनाव में उन्हें मुंह दिखाई में पति की जीत आपने दी थी, इस बार उन्हें जिताकर मुझे घर की चाबी सौंप दें। अमिता सिंह ने बातचीत में बताया कि सोनिया गांधी यहां केवल एक बार पति के लिए वोट मांगने आई थीं और मैं पति के साथ-साथ जनता की सेवा भी करती हूं। डा. संजय सिंह जीत के प्रति आ·श्वस्त होकर कहते हैं कि हम हर हाल में जीतेंगे। उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी 10 साल तक अमेठी लौट कर नहीं आईं, इसकी जनता में तीव्र प्रतिक्रिया है।
अमेठी का परिदृश्य अब दिन पर दिन बदल रहा है। समूचा लोकसभा क्षेत्र भाजपा और कांग्रेस के झण्डों, बैनरों से पटा नजर आने लगा है। पोस्टरों की भी भरमार है। भाजपा की ओर से राष्ट्रीय महासचिव श्री गोविन्दाचार्य स्वयं चुनाव की कमान संभालने यहां पहुंचे हैं। उन्होंने 22 सितम्बर को रामगंज और विशे·श्वरगंज में चुनावी सभाओं को भी सम्बोधित किया। बेल्लारी में सोनिया गांधी के विरुद्ध घर-घर प्रचार करने वाले श्री कृष्णमूर्ति महाराज के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एक दल यहां पहुंच गया है। ये अपने साथ चार लाख पत्रक लाए हैं। इन्हें घर-घर जाकर बांट रहे हैं तथा लोगों को समझा रहे हैं कि विदेशी सोनिया गांधी को संसद में न पहुंचने दें।
कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती सोनिया गांधी नामांकन भरने के बाद कई दिन तक अमेठी नहीं गई। उनकी पुत्री एवं दामाद ही जनसम्पर्क कर रहे हैं। इन्हें देखने के लिए लोगों में उत्साह है, लेकिन उनकी सुरक्षा में लगे एस.पी.जी. के जवानों के हाथों लोगों को अपमानित होना पड़ रहा है। मऊ में आठ साल की बालिका रूबी ने बताया कि 21 सितम्बर को प्रियंका उनके गांव आई थीं। उसने उन्हें माला पहनाई लेकिन उसके पहले एस.पी.जी. वालों ने उसकी तलाशी ली। आठ साल की बच्ची पर भी संदेह किया गया। प्रियंका यहां संजय गांधी चिकित्सालय के अतिथि गृह में ठहरी हैं। कानपुर से प्रचार के लिए आए कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं को द्वार पर 24 घण्टे खड़ा रहना पड़ता है। स्थानीय पत्रकारों एवं छायाकारों के लिए भी प्रियंका से मिलना या जनसम्पर्क की कवरेज करना सम्भव नहीं है।
इस लोकसभा क्षेत्र में लगभग 12 लाख मतदाता हैं और पांच विधानसभा क्षेत्र- तिलोई, सलोन, अमेठी, गौरीगंज एवं जगदीशपुर इसमें आते हैं। पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होने के कारण जीत-हार का अन्तर अधिक होने की संभावना नहीं है। यहां सपा और बसपा प्रत्याशियों के कमजोर होने के कारण कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर है।
35
टिप्पणियाँ