भारत रजिया सुल्तान को गद्दी पर नहीं रहने दिया उसके भाई और सरदारों ने, स्त्री विमर्श की बात करने वाले इस पर रहते हैं मौन
विश्लेषण दिल्ली सल्तनत के जिस इल्तुतमिश को प्रगतिशील कहकर सराहते हैं कम्युनिस्ट, उसके मंदिर तोड़ने वाले रूप को छिपाते हैं