भारत आपातकाल के समय संविधान में “समाजवाद” और “पंथनिरपेक्षता” शब्द जबरन जोड़े गए, इस पर पुनः विचार हो : दत्तात्रेय होसबाले
भारत आपातकाल की क्रूरता: 21 महीने तक भारतीय लोकतंत्र पर लगा रहा ग्रहण, ‘लोक’ हटाकर लिख दिया ‘तानाशाही’, आजादी पिंजरे में कैद
भारत ये थी आपातकाल की क्रूरता: कैंडल से 100 बार जलाया, नाभि में कीड़े बांधे, गर्भवती को जंजीरों से जकड़ा
भारत ‘‘बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल हो आपातकाल, ताकि पता चले कि लोकतंत्र की हत्या कैसे की गई’’- अच्युतानंद मिश्र