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भगवा गमछा पहन आगजनी कर रहा था और मुंह से निकला “या अल्लाह”- योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा संगोष्ठी का उद्घाटन किया। उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताया और सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के जरिए जातीय विभेद फैलाने वालों पर कड़ा प्रहार किया।

by सुनील राय
Jul 18, 2025, 01:41 pm IST
in उत्तर प्रदेश
Yogi Aadityanath

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शुक्रवार को वसंत महिला महाविद्यालय में जनजातीय गौरव बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने जनजातीय समाज को भारत का मूल समाज बताते हुए इसके ऐतिहासिक योगदान पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर भी कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों में विभेद और संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसे रोकने की आवश्यकता है।

सोशल मीडिया के जरिए जातियों में विभेद पैदा कर रहे फर्जी लोग

उन्होंने समाज में विभेद पैदा करने वालों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर जातियों और समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि दो-तीन साल पहले एक आगजनी की घटना हुई थी। तब मैंने कहा था कि यह आगजनी किसी विशेष समुदाय ने नहीं की होगी। जांच में पता चला कि आगजनी करने वाला व्यक्ति भगवा गमछा पहने था, लेकिन उसके मुंह से ‘या अल्लाह’ निकला।

ऐसे लोगों को चिह्नित कर समाज से बाहर करना होगा, तभी राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग समाज को तोड़ने का काम करते हैं, वे वही हैं जो फर्जी अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष को बढ़ावा देते हैं। यह वही वर्ग है, जिसने वन वासियों को भड़काने और भारत के खिलाफ खड़ा करने का प्रयास किया। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।

पिछली सरकारें जनजातीय समाज से संवाद में रहीं विफल

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की कमी रही है कि वे जनजातीय समाज तक शासन की सुविधाएं और संवाद नहीं पहुंचा सकीं। उन्होंने कहा कि जहां संवाद बाधित होगा, वहां संघर्ष की स्थिति पैदा होगी। हमारी सरकार ने 2017 के बाद जनजातीय गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया। 1947 से 2017 तक इन गांवों में मतदान का अधिकार तक नहीं था। हमने राशन कार्ड, जमीन के पट्टे और पेंशन जैसी सुविधाएं दीं। सोनभद्र, चंदौली, मीरजापुर और नेपाल की तराई में जनजातीय समाज को योजनाओं से जोड़ा गया।

इसे भी पढ़ें: लखनऊ : 500 से ज्यादा छात्रों वाले विद्यालयों को ‘आदर्श स्कूल’ का दर्जा देगी योगी सरकार, जानिए क्या होगा लाभ..?

कांवड़ में न जाति और न भेद

सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में न जाति का भेद है, न मत का, न सम्प्रदाय का। उन्होंने कहा कि आज कांवड़ यात्रा भक्तिभाव से चल रही है, लेकिन कुछ लोग इसे उपद्रवियों का नाम दे देते हैं। यह वही वर्ग है, जो वन वासियों को भड़काता है। हमें इनसे सतर्क रहना होगा। उन्होंने एक अन्य उदाहरण देते हुए कहा कि जौनपुर में जबरदस्ती नियमों को ताक पर रखकर ऊंचा ताजिया बनाया गया, जो हाईटेंशन तार की चपेट में आया और तीन लोग मारे गए। फिर रास्ता जाम किया गया। मैंने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। ऐसे लोगों को समझना होगा कि सामाजिक समरसता बनाए रखना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित करने की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जनजातीय समाज के मन में विश्वास पैदा किया है। यह हमारा मूल समाज है। उनके साथ संवाद और कृतज्ञता व्यक्त करना जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने कोल जनजाति जैसे समुदायों को योजनाओं से शत प्रतिशत जोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमने भगवान राम की विरासत से जुड़े कोल जनजाति को संतृप्त करने का प्रयास किया। यह हमारा दायित्व है कि हम उनके बीच जाएं और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा करें।

वसंत महिला महाविद्यालय की विरासत की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री कहते हैं कि यह परिसर प्राचीन गुरुकुल की स्मृतियों को ताजा करता है। उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति फाउंडेशन और एनी बेसेंट जैसी स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों ने इस संस्थान को भारत की मूल परंपरा के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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