15 साल बाद मुंबई में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आये हैं। बालासाहेब ठाकरे के निधन से पहले ही राज ठाकरे ने परिवार व पार्टी से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बनाई थी। वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर का कहना है कि उद्धव और राज ठाकरे मराठी अस्मिता के लिए नहीं बल्कि राजनीतिक वर्चस्व के लिए साथ आये हैं।
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