अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का भावुक संदेश: भारत आज भी 'सारे जहां से अच्छा' दिखता है
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अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का भावुक संदेश: भारत आज भी ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने भारत के बारे में गर्व, उम्मीद और आत्मविश्वास से भरा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “आज भी भारत ऊपर से ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है।”

by Mahak Singh
Jul 14, 2025, 10:59 am IST
in भारत
शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला

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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अपने 18 दिनों के प्रवास के अंत में भारत के बारे में गर्व, उम्मीद और आत्मविश्वास से भरा संदेश दिया। उन्होंने कहा, “आज भी भारत ऊपर से ‘सारे जहां से अच्छा’ दिखता है।” यह वही शब्द हैं जो 1984 में पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष से भारत को देखकर कहे थे।

शुक्ला आईएसएस पर एक्सिओम-4 मिशन के तहत गए थे। यह मिशन 25 जून को शुरू हुआ था और अब यह सोमवार यानि आज अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होकर मंगलवार को कैलिफोर्निया तट पर लैंड करेगा। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके लिए “जादुई और अविश्वसनीय” रहा है।शुक्ला ने विदाई समारोह में अपने दिल की बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि वह अंतरिक्ष में बिताए इन 18 दिनों की ढेर सारी यादें और सीखें भारत वापस लेकर जा रहे हैं और उन्हें देशवासियों के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि यह यात्रा अब समाप्त हो रही है लेकिन भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की यात्रा अभी जारी रहेगी।

अपने भाषण में उन्होंने एक संस्कृत श्लोक “तारा अपि प्रप्यन्ते” का जिक्र करते हुए कहा कि यदि हम ठान लें, तो तारे भी हासिल किए जा सकते हैं। यह बात उन्होंने इस विश्वास के साथ कही कि भारत एक दिन अंतरिक्ष में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करेगा। शुक्ला ने यह भी कहा कि आज का भारत अंतरिक्ष से देखने पर बेहद अलग नजर आता है – यह भारत आत्मविश्वासी, निडर, महत्त्वाकांक्षी और गर्व से भरा हुआ लगता है। उन्होंने दोहराया कि इन सब कारणों से आज भी भारत ऊपर से “सारे जहां से अच्छा” दिखता है।

यह भी पढ़ें-

शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास: 41 साल बाद भारत की अंतरिक्ष में वापसी, पहला संदेश – मेरे कंधे पर तिरंगा, एक अद्भुत सफर

उन्होंने इस मिशन को सफल बनाने के लिए इसरो, एक्सिओम स्पेस, नासा और स्पेसएक्स का आभार जताया। साथ ही उन्होंने उन छात्रों और वैज्ञानिकों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने वैज्ञानिक प्रयोगों और जागरूकता कार्यक्रमों में योगदान दिया। शुक्ला ने बताया कि इस मिशन के दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा और जो सबसे महत्वपूर्ण बात उनके साथ रहेगी वह यह है कि जब हम सब एक लक्ष्य के लिए एकजुट होते हैं, तो मानवता असंभव को भी संभव बना सकती है। अंत में, उन्होंने अपने साथियों कमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ और टिबोर कापू – का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके साथ काम करना एक सम्मान की बात थी। उन्होंने यह भी माना कि इस तरह के मिशनों का असर केवल विज्ञान तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह समाज और मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनता है।

Topics: आईएसएसISSastronaut Shubhanshu ShuklaShubhanshu Shukla return ISSAxiom-4 missionअंतरिक्ष यात्रीastronautsShubhanshu Shuklaशुभांशु शुक्ला
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