चमोली: एशिया की सबसे लंबी पैदल धार्मिक यात्रा माँ नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर वर्ष 2026 के लिए पहला और अत्यंत शुभ संकेत प्राप्त हुआ है। माँ नंदा (गौरा) को उनके ससुराल कैलाश भेजने की इस ऐतिहासिक यात्रा से पहले, हर 12 वर्ष में जन्म लेने वाला चौसिंग्या खाडू इस बार चमोली जनपद के कोटी गांव में श्री हरीश लाल जी के घर जन्मा है।
तीर्थ यात्रा परंपरा के अनुसार, यह चौसिंग्या खाडू माँ नंदा का पवित्र वाहन और शुभ दूत माना जाता है। इस अद्भुत संयोग को यात्रा की शुरुआत से पहले ईश्वरीय स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है। यात्रा के अंतिम पड़ाव पर इस खाडू को मुक्त कर दिया जाता है, जो हिमालय की ओर अकेला प्रस्थान करता है और माँ नंदा का संदेश लेकर कैलाश पर्वत की ओर स्वयं चला जाता है।
ग्रामीण हरीश लाल कहते है ये उनका सौभाग्य है और मां नंदा की कृपा है कि खाडू ने उनके यहां जन्म लिया है, अब हमारी जिम्मेदारी इनके लालन पालन की भी है और सुरक्षा की भी है।
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