Europe Migrant crisis: ब्रिटेन-फ्रांस के बीच 'वन इन, वन आउट' डील, जानिए क्या होगा असर?
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Europe Migrant crisis: ब्रिटेन-फ्रांस के बीच ‘वन इन, वन आउट’ डील, जानिए क्या होगा असर?

इंग्लिश चैनल से 21,000 से अधिक माइग्रेंट्स ब्रिटेन पहुंचे। फ्रांस-ब्रिटेन की 'वन इन, वन आउट' डील क्या बदलेगी स्थिति?

by Kuldeep Singh
Jul 11, 2025, 07:01 am IST
in विश्व
Europe Migrant crisis:

प्रतीकात्मक तस्वीर

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Europe Migrant crisis: यूरोप के कई देश अवैध अप्रवासियों के संकट से जूझ रहे हैं। इन देशों ने उदारता दिखाते हुए अवैध तरीके से आने वाले शरणार्थियों को अपने देश में शरण दी, लेकिन अब वही इनके गले का कांटा बनते जा रहे हैं। इसी अवैध अप्रवासियों को रोकने के लिए फ्रांस और ब्रिटेन ने समझौता किया है। इसका मकसद इंग्लिश चैनल के रास्ते छोटी नावों से होने वाली अवैध माइग्रेशन को रोकना है। लेकिन, हैरानी की बात है कि जिस वक्त ये ‘वन इन,वन आउट’ समझौता हो रहा था, उसी दिन करीब 700 अवैध अप्रवासियों ने इंग्लिश चैनल को पार करने की कोशिश की। दावा है कि इसमें से 400 तो ब्रिटेन पहुंच भी चुके हैं।

क्या है ‘वन इन, वन आउट’ डील

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के मध्य गुरुवार को इंग्लिश चैनल के रास्ते छोटी नावों से होने वाले अवैध माइग्रेशन को रोकने के लिए ‘वन इन, वन आउट’ डील की गई। इसके तहत ब्रिटेन उन माइग्रेंट्स को फ्रांस वापस भेजेगा जो छोटी नावों से चैनल पार करके आते हैं, और बदले में फ्रांस से कुछ शरणार्थियों को स्वीकार करेगा। इस समझौते को दोनों नेताओं ने ‘ग्राउंडब्रेकिंग’ बताया। इसका उद्देश्य तस्करों के कारोबार को ध्वस्त करना और खतरनाक समुद्री यात्राओं को कम करना है।

21,000 लोग पहुंचे ब्रिटेन

यह डील तब सामने आई जब उसी दिन लगभग 700 माइग्रेंट्स ने चैनल पार करने की कोशिश की, जिसमें से 400 से ज्यादा पहले ही ब्रिटेन पहुंच चुके थे। इस साल अब तक 21,117 से अधिक लोग इस जोखिम भरे रास्ते से ब्रिटेन पहुंचे हैं। स्टार्मर ने कहा कि यह समझौता तस्करों के ‘बिजनेस मॉडल’ को तोड़ने और माइग्रेशन को नियंत्रित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कोई ‘जादुई समाधान’ नहीं है, लेकिन यह नई रणनीति और सहयोग से स्थिति को बेहतर करने की कोशिश है।

इसे भी पढ़ें: जर्मनी में स्विमिंग पूल्स में महिलाओं और बच्चियों के साथ आप्रवासियों का दुर्व्यवहार : अब बाहरी लोगों पर लगी रोक

ब्रेक्सिट को बताया अवैध माइग्रेशन का कारण

मैक्रों ने ब्रेक्सिट को इस संकट का एक कारण बताया। उनका कहना था कि ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन का यूरोपीय संघ के साथ माइग्रेशन समझौता खत्म हो गया, जिसने माइग्रेंट्स को चैनल पार करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस डील को दोनों देशों के लिए एक ‘साझा जिम्मेदारी’ का हिस्सा बताया।

विरोध भी शुरू

इस समझौते की आलोचना भी हो रही है। विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस फिल्प का कहना है कि यह डील 94% माइग्रेंट्स को ब्रिटेन में रहने की अनुमति देगी, जो तस्करों को रोकने में प्रभावी नहीं होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत हर हफ्ते करीब 50 माइग्रेंट्स को फ्रांस वापस भेजा जाएगा, जो कुल क्रॉसिंग का केवल 6% है। स्टार्मर ने इसे शुरुआती कदम बताया और कहा कि अगर यह कामयाब रहा तो इसे और विस्तार दिया जाएगा। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह ‘माइग्रेंट मेरी-गो-राउंड’ जैसा है, जो समस्या का स्थायी समाधान नहीं देगा।

रिफ्यूजी काउंसिल ने इस डील का सतर्क समर्थन किया, लेकिन जोर दिया कि सुरक्षित और कानूनी रास्तों की कमी ही इस संकट की जड़ है। यह समझौता स्टार्मर के लिए एक राजनीतिक जीत माना जा रहा है, जो ‘गैंग्स को तोड़ने’ का वादा कर चुके हैं। लेकिन, विशेषज्ञों का मानना है कि बिना व्यापक सुधारों और यूरोपीय देशों के साथ गहरे सहयोग के, इस संकट का पूरी तरह समाधान मुश्किल है।

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