सावन का महीना आने वाला है और दिल्ली में कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। 11 जुलाई से शुरू होने वाली इस पवित्र यात्रा के लिए दिल्ली सरकार और नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है। कांवड़ मार्ग पर मीट और मछली की दुकानें बंद रहेंगी, ताकि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखा जाए और यात्रा की पवित्रता बनी रहे।
दिल्ली से ढाई से तीन करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद
हर साल सावन में लाखों कांवड़िए गंगा जल लेकर भगवान शिव के मंदिरों तक पैदल जाते हैं। इस बार दिल्ली में करीब ढाई से तीन करोड़ कांवड़ियों के आने की उम्मीद है। सरकार इसे खास बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही। संस्कृति और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर मीट की दुकानें अवैध हैं, और यात्रा के दौरान इन्हें खोलने की इजाजत नहीं होगी। उनका कहना है कि ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए, जो कांवड़ियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाए।
कावंड़ियों के लिए जगह-जगह लगेंगे कैंप
कांवड़ियों की सुविधा के लिए सरकार ने कई इंतजाम किए हैं। जगह-जगह कैंप लगेंगे, जहां मुफ्त पानी, बिजली और मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। कांवड़ समितियों को 50 हजार से 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद भी दी जाएगी, जिसमें से आधी राशि पहले और बाकी यात्रा के बाद मिलेगी। दिल्ली की सीमाओं पर शानदार स्वागत द्वार बनेंगे और कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाएंगे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है, ताकि कांवड़ समितियों को तैयारियों में आसानी हो।
UP जैसा फैसला दिल्ली
कपिल मिश्रा का कहना है कि वे चाहते हैं कि कांवड़ियों को कोई दिक्कत न हो और वे पूरी श्रद्धा के साथ अपनी यात्रा पूरी करें। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की तरह ही दिल्ली में भी यह फैसला लिया गया है। हालांकि, कुछ दुकानदारों को चिंता है कि दुकानें बंद होने से उनकी कमाई पर असर पड़ेगा। फिर भी, सरकार का कहना है कि धार्मिक भावनाओं और यात्रा की गरिमा को प्राथमिकता दी जाएगी। 11 से 31 जुलाई तक चलने वाली यह कांवड़ यात्रा दिल्ली में यादगार होने वाली है, और सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है।
अप्सरा बॉर्डर से करोलबाग तक शिविरों का लिया जायजा
इससे पहले बुधवार को कपिल मिश्रा ने कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली को अप्सरा बॉर्डर से करोलबाग तक लगाए गए शिविरों का निरीक्षण किया। साथ ही दो टूक कहा कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए मीट की दुकानों को बंद रखने का फैसला किया गया है। कांवड़ियों की यात्रा के दौरान मार्गों की साफ-सफाई, ट्रैफिक आदि को लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।
कांवड़ समितियों को 50,000 से 10,00,000 तक आर्थिक मदद
मंत्री कपिल मिश्रा का कहना है कि पहली बार सरकार कांवड़ समितियों को 50,000 से लेकर 10,00,000 तक की आर्थिक मदद देने जा रही है। इसके तहत समितियों के अनुसार, उनके खातों में पहले 50% डाल दी जाएगी। बाकि कांवड़ यात्रा से लौटने के बाद दी जाएगी.
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