ब्रिक्स गुट में शामिल देशों पर टैरिफ लगाने की धमकी देने के अब उन्होंने ब्राजील के खिलाफ बड़ा एक्शन ले लिया है। उन्होंने ब्राजील पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है। उन्होंने एक पत्र लिखा है, जिसमें ट्रंप ने इस कदम को ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ चल रहे मुकदमे के खिलाफ नाराजगी दिखाने का परिणाम करार दिया। ट्रंप ने देश के वर्तमान राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि बोल्सोनारो के खिलाफ केस करना उनके जैसे सम्मानित नेता का अपमान है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ‘विच हंट’ और अंतरराष्ट्रीय अपमान करार दिया है। उनका कहना है कि बोल्सोनारो अपने कार्यकाल के दौरान न केवल अमेरिका, बल्कि कई देशों में सम्मानित नेता रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने देश के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें बोल्सोनारो के चुनाव लड़ने तक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रतिबंध को ट्रंप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और स्वतंत्र चुनावों पर हमला करार दिया है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि ब्राजील में 8 जनवरी 2023 को अमेरिका के कैपिटल हिल की तर्ज पर ही हिंसा हुई थी। बोल्सोनारो पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर तख्तापलट करने की कोशिश की थी। जैसा कि कैपिटल पर ट्रंप के समर्थकों ने व्हाइट हाउस में घुसकर अराजकता फैलाई थी, वैसा ही बोल्सोनारो के समर्थकों पर भी आरोप है। ट्रंप बोल्सोनारो के खिलाफ हो रही इस कार्रवाई को अनुचित और राजनीति से प्रेरित मानते हैं।
ब्राजील के सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना
राष्ट्रपति ट्रंप ने ब्राजील में अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ, रंबल समेत अन्य पर प्रतिबंध लगाए जाने की आलोचना करते हुए इसे गैरकानूनी करार दिया। इसके साथ ही ट्रंप ने 1 अगस्त, 2025 से ब्राज़ील से अमेरिका में आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया।
इतना ही उन्होंने अपने पत्र में ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एलेक्जेंडर डी मोरेस का भी ज़िक्र किया है। ये वही जज हैं, जिन्होंने ट्रुथ सोशल, रंबल और बोल्सोनारो के एक समर्थक के अमेरिका स्थित अकाउंट्स को बैन करने का आदेश दिया था। ट्रंप इससे इतना नाराज हुए कि उन्होंन फ्लोरिडा की संघीय अदालत में उनके खिलाफ ही केस दर्ज करवा दिया।
दूसरे देश के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप
अमेरिका द्वारा दूसरे देशों को अपने फायदे के लिए धमकाना कोई नई बात नहीं है। ट्रंप के सत्ता में रहने के दौरान ये थोड़ा तेजी से हो रहा है। लेकिन अब उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं।
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