न्यूयॉर्क मेयर पद के लिए डेमोक्रैटिक जोहराम ममदानी को लेकर अब लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। क्योंकि जिस हिसाब से जोहराम के वीडियो सामने आ रहे हैं, उससे यह साफ हो रहा है कि वह केवल एक कट्टर इस्लामिस्ट और भारत एवं यहूदियों के प्रति घृणा रखने वाले ही नहीं बल्कि एक कट्टर कम्युनिस्ट भी है। यहां तक कि डोनाल्ड ट्रम्प तक ने उनकी उम्मीदवारी को लेकर चिंता व्यक्त की है।
जोहराम के भाषण और साक्षात्कार अब सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। लेखक जनरल माइक नामक यूजर ने लिखा कि “न्यूयॉर्क, शुभकामनाएं!”
“इस्लामी समाजवादी NYC मेयर उम्मीदवार ज़ोहरान ममदानी ने पहले कुछ बातें कही हैं:
- – NYPD को खत्म करना
- – जेलों को खत्म करना
- – मेडिकल बिलों को खत्म करना
- – निजी स्वास्थ्य बीमा को खत्म करना
- – सभी बंदूकों पर प्रतिबंध लगाना
- – सेक्स वर्क को वैध बनाना
- – सुरक्षित इंजेक्शन साइट
- – नकद जमानत को खत्म करना
- – नशीली दवाओं के कब्जे को अपराध से मुक्त करना
- – सजा बढ़ाने को खत्म करना
- – ICE के साथ सभी तरह के सहयोग को खत्म करना”
कई यूजर्स हैं, जो जोहराम की मेयर पद की उम्मीदवारी को लेकर बहुत ही चिंता में हैं। वे लगातार उसके कट्टर एजेंडे को सामने ला रहे हैं। एक भाषण में उसे यह कहते हुए सुना जा रहा है कि न्यूयॉर्क में मुस्लिम केवल न्यूयॉर्क से ही संबंधित नहीं हैं, बल्कि मुस्लिम सिटी हाल से भी संबंधित हैं।
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जोहरान के जो विचार सामने आ रहे हैं, उनसे लोग डरे हुए हैं क्योंकि जोहरान केवल इस्लामिस्ट ही नहीं बल्कि अमीरों पर अधिक कर लगाने के हिमायती हैं। सोशल मीडिया पर जो लोग पोस्ट कर रहे हैं, उनके अनुसार जोहरान ने यह वादा किया है कि वे कर का बोझ अमीर और श्वेत पड़ोसियों पर डालेंगे।
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लोग न्यूयॉर्क के इस्लामीकरण से डरे हुए हैं। लंदन में मेयर सादिक खान के आने के बाद लंदन की जो स्थितियां हुई हैं, उससे अमेरिका में न्यूयॉर्क के लोग भी भयभीत हैं। रिपब्लिक सांसद एंडी ऑगलेस ने लिखा कि जोहरान ‘लिटल मोहम्मद’ मांदानी एक यहूदी विरोधी, समाजवादी कम्युनिस्ट हैं, जो न्यूयॉर्क जैसे महान शहर को नष्ट कर देगा, उसे तत्काल ही वापस भेजे जाने की आवश्यकता है।
Congresswoman Nancy Mace ने 11 सितंबर के हमले का उल्लेख करते हुए लिखा कि 9/11 के बाद हमने कहा था कि “हम नहीं भूलेंगे” और मुझे लगता है कि हम भूल चुके हैं।
जोहरान के कट्टरपंथी विचार भारत को लेकर भी एकदम स्पष्ट हैं और वे भारत के प्रधानमंत्री मोदी और हिन्दुत्व दोनों के ही कट्टर विरोधी हैं। इतना ही नहीं वह बच्चों को लेकर भी यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि वे बच्चों के लिंग परिवर्तन के लिए 65 मिलियन डॉलर खर्च करेंगे।
हालांकि उनके इतने कट्टर विचार होने के बाद भी उनके प्रति हो रहे विरोध को भारतीय पर हो रहे हमले की तरह भारतीय मीडिया में देखा जा रहा है। कई मीडिया पोर्टल इस बात को लिख रहे हैं कि जोहरान को भारतीय होने के कारण अपशब्द कहे जा रहे हैं या फिर अभियान चलाए जा रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है।
लोग इसलिए जोहरान का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उनकी योजना में नस्लवाद है। वे श्वेत लोगों पर अधिक कर लगाना चाहते हैं और यही नस्लीय भेदभाव है। असिस्टेंट अटार्नी जनरल, हरमीत ढिल्लन को बेनी जॉनसन नामक यूजर ने क्वोट करते हुए लिखा कि “संयुक्त राज्य अमेरिका में नस्लीय भेदभाव गैरकानूनी है और इसे समझना चहाइए! ममदानी द्वारा वर्णित अवैध भेदभावपूर्ण योजना संघीय संवैधानिक और वैधानिक मानदंडों का उल्लंघन करेगी, और यहां तक कि न्यूयॉर्क कानून का भी उल्लंघन कर सकती है।”
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वहीं कुछ लोगों ने यह तक लिखा कि जोहरान के संबंध कट्टर इस्लामी समूहों से हैं। और उसने यह सब नागरिकता के लिए आवेदन करने से पहले नहीं बताया था। कुछ लोगों ने यह भी लिखा कि जोहरान 7 अक्टूबर को हुए हत्याकांड के बाद सड़कों पर था, मगर हमास का विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि इजरायल का विरोध करने के लिए। जनवरी में उनके विषय में यह बताया गया था कि एक व्यक्ति जो खुद को स्टूडेंट्स ऑफ जस्टिस इन पलेस्टाइन का सहसंस्थापक कहता है और जो कट्टरपंथी संगठनों के साथ खड़ा रहा और उसे अब अमेरिका के डेमोक्रैटिक सोशलिस्ट समर्थन दे रहे हैं। पत्रकार लौरा लूमर ने लिखा कि “ज़ोहरान ममदानी के स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन (एसजेपी) और फिलिस्तीनी यूथ मूवमेंट (पीवाईएम) के साथ संबंध न्यूयॉर्क की सुरक्षा के लिए खतरा हैं और यहूदी विरोधी नफरत को बढ़ावा देते हैं!
बोडोइन कॉलेज में एसजेपी के संस्थापक सदस्य के रूप में, ज़ोहरान ममदानी ने यहूदी विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा दिया, दावा किया कि इज़राइली कक्षाएं फिलिस्तीनी अधिकारों के बजाय “राजनीतिक मुद्दों पर बनी हैं”। इसके अतिरिक्त, ममदानी न्यूयॉर्क विधानमंडल में “नॉट ऑन अवर डाइम! एक्ट” के लिए मुख्य प्रायोजक थे, जिसे PYM द्वारा समर्थन प्राप्त था, जो WESPAC से जुड़ा एक कट्टरपंथी समूह है, जो SJP की मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ी गतिविधियों को निधि देता है।
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ममदानी का SJP-PYM गठबंधन न्यूयॉर्कवासियों और उनकी सुरक्षा को खतरे में डालता है।
यह और भी अधिक संदेह उत्पन्न करता है कि जब ममदानी के इस प्रकार के कट्टर इस्लामिस्ट और कम्युनिस्ट विचार और गठबंधन सामने आ रहे हैं, तो ऐसे में मीडिया का एक वर्ग उन्हें अमेरिका के एक वर्ग के लोगों का भारतीय मूल का विरोध क्यों बता रहा है? जबकि जोहरान तो खुद ही भारत की मूल आत्मा के सबसे बड़े विरोधी हैं और खुद ही भारत के प्रति झूठ फैला रहे हैं?
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