अमेरिका में इन दिनों अवैध आप्रवासियों को लेकर कार्यवाही हो रही है। उन सभी को देश से बाहर निकाले जाने की बातें हो रही हैं, जो अमेरिका के प्रति निष्ठा नहीं रखते। अमेरिका में पिछले कई वर्षों से अवैध आप्रवासी अफ्रीकी और मध्य पूर्व के देशों से आए हैं। क्या कुछ ऐसा है कि सिस्टम में कमियों का लाभ उठाकर लोग आ रहे हों या फिर कोई भीतर से मदद कर रहा है?
सिस्टम की खामियों का उठाता था फायदा
दरअसल, okeefemedia की ओर से एक खुफिया ऑपरेशन अमेरिका सरकार के वीजा विशेषज्ञ अर्सलान अख्तर के साथ किया गया। इसमें अर्सलान ने बताया कि वह कैसे सिस्टम की कमियों का फायदा उठाकर मुस्लिम देशों के लोगों को अमेरिका में आने में सहायता करता था।
अंडरकवर पत्रकार से क्या कहा
उसने अंडरकवर पत्रकार से कहा कि वह लोगों को बताता है कि कैसे सिस्टम से बचा जाए। उसने कहा कि वह टैक्सी ड्राइवर्स से कहता है, “पुलिस से बात मत करो, सच को स्वीकार मत करो, यदि तुम चाहते हो कि कोई लूपहोल मिले, तो शांत रहो!”
अख्तर ने ही इस वीडियो मे यह दावा किया कि वह अमेरिका के वीसा विभाग में काम करता है और जारी करने और अस्वीकृत करने पर काम करता है। उसने जो सबसे चौंकाने वाली बात की वह थी गैर-मुसलमानों से घृणा। उसने कहा उसे अमेरिकी, यहूदी और दूसरे नस्लीय समूहों से घृणा है। उसे एलन मस्क तक से घृणा है और उसे वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि एलन मस्क की लिंचिंग की जानी चाहिए। उसने अपने साथ काम करने वाले यहूदी लोगों को कचड़ा कहा। जेम्स ओ केफी से बात करते हुए उसने कहा कि स्टेट विभगा में बहुत ही भयानक यहूदी लोग हैं और वे वास्तव में बेकार या कचड़ा लोग हैं।
बोला कि ट्रंप की लिंचिंग पर बड़ी खुशी होगी
उसने श्वेत लोगों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह नफरत की तहज़ीब है, और यह सत्ता की तहज़ीब है। जब उससे एलन के विषय में पूछा गया तो उसने कहा कि वह चाहता है कि उसे इस बिल्डिंग से बाहर खींचकर लाया जाए और वह भी बाल पकड़कर। उसे ट्रम्प की लिंचिंग पर बहुत खुशी होगी। श्वेत लोगों के विषय मे बात करते हुए उसने कहा कि गोरे लोग सभी पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं। जैसे ग्रीनलैंड, जैसे कनाडा, फिलस्तीन आदि।
अर्सलान अख्तर को काम से हटाया गया
इस वीडियो के सामने आने के बाद यह समाचार आ रहे हैं, कि अर्सलान अख्तर को काम से हटा दिया गया है। डिपार्ट्मन्ट ऑफ स्टेट ने एक्स पर पोस्ट लिखा कि यह अभी शुरुआत है। अमेरिकी विरोधी विचारों वाले ये कट्टरपंथी पीढ़ियों से हमारे कार्यालय भरे पड़े हैं और हम व्यवस्थित रूप से उन नफरत फैलाने वालों को हटा रहे हैं जिन्होंने इसे अनुमति दी है। हम स्पष्ट कर दें: अगर आप देश के विषय में ऐसा सोचते हैं या फिर ऐसा विचार रखते हैं और स्टेट विभाग में काम कर रहे हैं तो हम आपको खोज लेंगे।
इस पर लोगों का कहना था कि जब वे कुछ ऐसा करेंगे जिनसे मीडिया में स्टोरी बने, तभी आप उन्हें हटाएंगे? बेहतर नहीं होगा कि आप पहले से ही पड़ताल कर लें!
ब्रिटेन में भी आया था ऐसा मामला
स्टेट विभाग में वीजा की स्वीकृति और अस्वीकृति के मामले में मजहबी एजेंडा का मामला यूके में भी सामने आया था। इसमें भी शरणार्थी अनुमोदन वाले विभाग में कुछ मुस्लिम कार्यरत थे और ऐसा कहा जा रहा है कि एक पूरा नेटवर्क है। एक कट्टरपंथी मुस्लिम देश की पीड़ित ईसाई महिला के शरणार्थी आवेदन को बार-बार इन अधिकारियों द्वारा रोका जा रहा था। यह घोटाला सामने आया था कि मारिया (बदला हुआ नाम) के मामले से। मारिया एक कट्टरपंथी मुस्लिम देश की ऐसी पीड़ित ईसाई हैं, जिन पर कन्वर्जन का दबाव डाला जा रहा था और जब उन्होंने नाम के लिए यह कर लिया था तो उन पर और उनकी बेटी पर बुर्के आदि की पाबंदी की शर्तें लगाई जाने लगी थीं।
मारिया ने जब यूके में शरण मांगी तो उनके इस दावे को ही खारिज कर दिया कि उनके देश में उनके साथ अत्याचार हो रहा है। अर्थात उस मुस्लिम देश को पूरी तरह से क्लीनचिट दे दी गई थी। उन्हें बहुत मुश्किल से ब्रिटेन में शरण मिल पाई थी।
जीबीन्यूज के अनुसार इस्लामिक नेटवर्क का गृह विभाग में लगभग 700 से अधिक कर्मियों का नेटवर्क है जो सरकारी नीतियों को प्रभावित करना चाहते हैं। उस रिपोर्ट में लिखा था, “लीक हुए दस्तावेजों से पता चलता है कि 700 से अधिक सिविल सेवकों के समूह का कहना है कि उनका लक्ष्य “गृह कार्यालय में मुस्लिम कर्मचारियों की भर्ती, प्रतिधारण और प्रगति को बढ़ावा देना” और “नीति निर्माताओं को प्रभावित करना है ताकि नीति मुस्लिम आवश्यकताओं को अधिक समावेशी बना सके।”
क्या यही लक्ष्य अमेरिका में अर्सलान अख्तर जैसे लोगों का है? हालांकि उसे काम से हटा दिया गया है, परंतु प्रश्न अभी भी यही है कि क्या ऐसे लोगों को कभी सजा मिलेगी, जैसा लोग सोशल मीडिया पर भी प्रश्न कर रहे हैं।
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