माओवाद मुक्त भारत की ओर बढ़ते कदम
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

माओवाद मुक्त भारत की ओर बढ़ते कदम

छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बसवराजू ढेर, माओवादी हिंसा पर निर्णायक प्रहार। भारत सरकार का 2026 तक माओवादी मुक्त देश का लक्ष्य

by WEB DESK and सुनील बिश्नोई
Jun 21, 2025, 09:19 pm IST
in विश्लेषण
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

21 मई 2025 को छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली, जब देश के सबसे वांछित माओवादी नेताओं में से एक मल्लोजुला वेंगुपाल उर्फ बसवराजू को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया। बसवराजू माओवादी संगठन के पोलित ब्यूरो सदस्य और सैन्य गतिविधियों का प्रमुख रणनीतिकार था। इस घटना को माओवादी उग्रवाद के विरुद्ध निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।

इस संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह स्पष्ट घोषणा की कि भारत सरकार का लक्ष्य है मार्च 2026 तक देश को माओवादी हिंसा से पूर्णतः मुक्त करना। यह वक्तव्य केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि पिछले एक दशक से अपनाई गई बहुस्तरीय रणनीति का परिणाम है।
पिछले कुछ वर्षों में माओवादी हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर मात्र 6 रह गई है।

यह सरकार की व्यापक और समन्वित रणनीति का प्रतिफल है, जिसमें सुरक्षा सुदृढ़ीकरण, विकास की गति, आदिवासी समाज में विश्वास निर्माण, वैचारिक मोर्चे पर टक्कर, और आत्मसमर्पण व पुनर्वास जैसी मानवीय पहल शामिल हैं। सुरक्षात्मक दृष्टि से सरकार ने CRPF, ग्रेहाउंड्स और स्थानीय पुलिस बलों को आधुनिक हथियारों, ड्रोन, सैटेलाइट ट्रैकिंग और रीयल-टाइम इंटेलिजेंस से लैस किया है। कठिन इलाकों में फारवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना और चौबीसों घंटे निगरानी से सुरक्षा बलों की ऑपरेशनल क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

दूसरी ओर, सरकार ने यह समझा कि माओवाद का समाधान केवल बंदूक से संभव नहीं, बल्कि विकास को हथियार बनाकर ही स्थायी समाधान लाया जा सकता है। बीते वर्षों में 11,000 किमी से अधिक सड़कों का निर्माण, 2,300 मोबाइल टावर की स्थापना, एकलव्य मॉडल स्कूलों की स्थापना, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और स्वच्छ जल व बिजली की सुविधा ने वनवासी क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा है। इससे न केवल भौगोलिक दूरियाँ घटी हैं, बल्कि माओवादियों के वैचारिक प्रभाव में भी कमी आई है।

सरकार ने जनजातीय समुदाय के साथ संवाद को प्राथमिकता दी है। ‘गांव तक प्रशासन’ अभियान, जनसंवाद यात्राएँ, खेल-कूद प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक आयोजन जैसे प्रयासों से शासन और समाज के बीच की खाई को पाटने का काम हुआ है। सामुदायिक पुलिसिंग और ‘जनजातीय मित्र’ जैसे कार्यक्रमों से स्थानीय सहभागिता बढ़ी है। आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत हजारों पूर्व माओवादियों को पुनः समाज में स्थापित किया गया है, जिन्हें आर्थिक सहायता, स्किल ट्रेनिंग और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।

हालांकि, माओवादी हिंसा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए केवल अब तक की उपलब्धियाँ पर्याप्त नहीं होंगी। 2026 तक माओवादी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार को एक पांच सूत्रीय भविष्य रणनीति को मजबूती से लागू करना होगा। पहला, वनवासियों के जल, जंगल और जमीन के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए वन अधिकार अधिनियम और पेसा कानून को पूरी ईमानदारी से लागू करना होगा। दूसरा, शिक्षा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देकर युवाओं को माओवादी संगठनों के बहकावे से बचाना होगा। तीसरा, वैचारिक मोर्चे पर माओवाद के प्रचार-प्रसार का लोकतांत्रिक मूल्यों, संवैधानिक चेतना और जमीनी विकास के जरिए मुकाबला करना होगा।

चौथा, योजनाओं के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए जन निगरानी तंत्र और ग्राम सभा को सशक्त करना होगा ताकि भ्रष्टाचार और शोषण की गुंजाइश न रहे। और अंततः, न्यायसंगत और संवेदनशील प्रशासन को प्राथमिकता देकर आदिवासी समाज में विश्वास बहाल करना होगा। शासन प्रणाली में स्थानीय सहभागिता बढ़ाने से माओवाद के लिए सामाजिक आधार स्वतः ही समाप्त हो जाएगा।

निस्संदेह, भारत अब माओवादी उग्रवाद के विरुद्ध निर्णायक मोड़ पर है। बसवराजू जैसे शीर्ष नेता का खात्मा, हिंसाग्रस्त जिलों की संख्या में गिरावट और मार्च 2026 तक माओवादी मुक्त भारत का लक्ष्य – ये सब एक व्यापक रणनीतिक सफलता की ओर संकेत करते हैं। किंतु स्थायी समाधान तभी संभव होगा जब सुरक्षा, विकास, न्याय, और विश्वास – इन चार स्तंभों पर सरकार समान रूप से ध्यान दे।

अंततः, माओवादी हिंसा के समूल अंत के बिना समावेशी और न्यायपूर्ण विकास की परिकल्पना अधूरी रहेगी। ‘माओवादी मुक्त भारत’ न केवल एक आंतरिक सुरक्षा लक्ष्य है, बल्कि यह ‘विकसित भारत 2047’ की नींव भी है। जब देश का प्रत्येक कोना शांति, समृद्धि और अवसरों से परिपूर्ण होगा, तभी हम सच्चे अर्थों में समावेशी राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे।

अतः आवश्यक है कि सरकार, प्रशासन और नागरिक समाज एकजुट होकर न केवल माओवाद को समाप्त करें, बल्कि उस वैकल्पिक व्यवस्था को भी मजबूत करें जो न्याय, समानता और संवेदनशील विकास पर आधारित हो। यही रास्ता हमें ‘विकसित भारत 2047’ की मंज़िल तक पहुँचाएगा — एक ऐसा भारत जहाँ हिंसा नहीं, बल्कि समरसता, प्रगति और जनहित की गूंज सुनाई दे।

(लेखक- शोधार्थी ,स्कूल ऑफ सोशल साइंस, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली)

Topics: Basavaraju encounterChhattisgarh Maoist conflictAmit Shah Maoist strategyNaxalism India 2025CRPF anti-Naxal operationAmit Shah Naxal Policyमाओवादी मुक्त भारतNaxalism in Indiaबसवराजू एनकाउंटरChhattisgarh Telangana Maoistछत्तीसगढ़ माओवादी हिंसाOperation Greyhoundमाओवाद पर सरकार की रणनीतिSecurity and Development Modelअमित शाह माओवादी नीतिMaoist-free India
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नक्सली आतंक का विघटन तय, बसव राजू के बाद नेतृत्व का संकट

नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम : जंगल से 10 किलो IED बरामद, सुरक्षाबलों ने चलाया सर्च अभियान

प्रतीकात्मक चित्र

“सुकमा में नक्सलियों को करारा झटका : 5 ने किया सरेंडर, 2-2 लाख के इनामी भी शामिल

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies