असम के धुबरी जिले में इन दिनों सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने साफ कहा कि जो भी उपद्रव करेगा, उसे रात में देखते ही गोली मारने का आदेश पुलिस को दिया गया है। यह आदेश खासतौर पर बांग्लादेश की सीमा से सटे धुबरी जिले में लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक “सांप्रदायिक समूह” इलाके में शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है, जिसे सरकार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
7 जून को बकरीद के अगले दिन धुबरी के हनुमान मंदिर के पास एक गाय का सिर पाया गया था। इसके अगले दिन भी मंदिर परिसर के पास इसी तरह की घटना दोहराई गई। इसके बाद रात में पथराव की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे माहौल और बिगड़ गया। इस घटना के बाद हिंदू और मुस्लिम समुदायों ने मिलकर शांति बनाए रखने की अपील की थी, लेकिन हालात फिर भी बिगड़ते गए।
धुबरी पहुंचे मुख्यमंत्री सरमा
मुख्यमंत्री सरमा ने शुक्रवार को खुद धुबरी जाकर हालात की समीक्षा की और कहा- धार्मिक स्थलों के अपमान पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। जो भी मंदिर या पवित्र स्थल को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। अगर कोई पत्थरबाज़ी करता है और उस पर शक होता है, तो पुलिस उसे गोली भी मार सकती है। जिले में ड्रोन, सीसीटीवी कैमरों और रात्री गश्त के जरिए निगरानी बढ़ा दी गई है। रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और सीआरपीएफ को भी तैनात किया गया है। सभी अपराधियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं।
नया गोमांस माफिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि बकरीद से पहले ‘नबीन बांग्ला’ नाम के एक संगठन ने धुबरी को बांग्लादेश में मिलाने की बात करते हुए भड़काऊ पोस्टर लगाए थे। साथ ही इस बार हजारों मवेशी पश्चिम बंगाल से लाए गए हैं। एक नया ‘गोमांस माफिया’ सामने आया है, जो बकरीद से पहले बड़े पैमाने पर जानवरों की खरीद-बिक्री में लगा हुआ है। इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और दोषियों की गिरफ्तारी होगी। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, मैंने अधिकारियों को इस अवैध व्यापार में शामिल लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि गौमांस मामले में रात भर में 38 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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