'बीच और पूल पर बुर्किनी पहनो' : सीरिया की नई सरकार ने महिलाओं के कपड़ों पर चलाया चाबुक, जारी किया मजहबी फरमान
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‘बीच और पूल पर बुर्किनी पहनो’ : सीरिया की नई सरकार ने महिलाओं के कपड़ों पर चलाया चाबुक, जारी किया मजहबी फरमान

सीरिया की इस्लामिस्ट सरकार ने बीच और सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के लिए बुर्किनी ड्रेस कोड लागू किया, लोगों ने मजहबी कट्टरता पर उठाए सवाल

by सोनाली मिश्रा
Jun 11, 2025, 11:09 pm IST
in विश्व
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सीरिया में असद सरकार को गिराकर आई नई सरकार ने मजहबी कट्टरता महिलाओं पर दिखानी आरंभ कर दी है। अब वहाँ पर महिलाओं के लिए नया ड्रेस कोड या कहें कपड़ों के नियम आए हैं। सीएनएन के अनुसार सीरिया ने मंगलवार को महिलाओं के वस्त्रों को लेकर एक नया सर्कुलर जारी किया है।

सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि महिलाएं सार्वजनिक समुद्र तटों अर्थात बीच पर पूरे शरीर को ढकने वाला बुर्किनी पहनें या फिर पूरे शरीर को ढाककर रखें। दिसंबर 2024 में वहाँ पर असद की सरकार को गिराकर इस्लामिस्ट विद्रोहियों ने सत्ता हासिल की थी।

और उसके बाद कई वीडियो सामने आए थे जिनमें अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ तमाम अत्याचार दिख रहे थे। अब छ महीने बाद सीरिया की सरकार ने महिलाओं को लेकर कट्टरपंथी कदम उठाया है। सीरिया की टुरिज़म मिनिस्ट्री ने महिलाओं के लिए जो नए नियम बनाए हैं, वह “जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बनाए हैं।“

इसमें लिखा है कि-

“सार्वजनिक समुद्र तटों और पूलों पर आने वाले आगंतुकों, चाहे वे पर्यटक हों या स्थानीय लोग, को उचित स्विमवियर पहनना आवश्यक है जो लोगों की पसंद और समाज के विभिन्न वर्गों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हों। सार्वजनिक समुद्र तटों और पूलों पर अधिक शालीन स्विमवियर (बुर्किनी या स्विमसूट जो शरीर के अधिक भाग को ढकते हैं) ही पहने जाएं।

टुरिज़म मिनिस्टर मजेन अल सलहनी ने फ़ेसबुक पर इन दिशानिर्देशों के विषय में कहा। निर्देश में कहा गया है- “समुद्र तट और अन्य स्थानों के बीच चलते समय, स्विमसूट के ऊपर बीच कवर-अप या ढीले-ढाले रोब (महिलाओं के लिए) पहनना आवश्यक है।”

मगर ऐसा नहीं है कि लड़कियों के लिए ही केवल नियम बनाए गए हैं। पुरुषों के लिए लिए भी कट्टरपंथी नियम बनाए गए हैं। अब पुरुषों के लिए भी कपड़ों के नियम हैं। नए दिशा-निर्देशों के तहत पुरुषों को शर्ट पहनना आवश्यक है, जिसमें कहा गया है कि “तैराकी क्षेत्रों, होटल लॉबी और खाद्य सेवा क्षेत्रों के बाहर सार्वजनिक क्षेत्रों में टॉपलेस कपड़ों की अनुमति नहीं है।”

निर्देश के अनुसार समुद्र तटों और पूलों के बाहर सार्वजनिक क्षेत्रों में, कंधों और घुटनों को ढकने वाले ढीले कपड़े पहनना बेहतर होता है, और पारदर्शी या बहुत तंग कपड़े पहनने से बचना चाहिए।

हालांकि ये निर्देश केवल सार्वजनिक स्थानों पर ही लागू होंगे। 4 स्टार होटल और रेसॉर्टस जैसे इंटरनेशनल और प्रीमियम होटल्स पर ये नियम लागू नहीं होंगे। और वहाँ पर पूरी तरह से पश्चिमी स्विमवियर पहने जा सकते हैं।

हालांकि ये नियम यह नहीं बताते हैं कि यदि इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो क्या होगा?

यह ज्ञात होना चाहिए कि सीरिया की कथित परिवर्तन करने वाली सरकार हयात ताहिर अल शम की सरकार है, इस गठबंधन को अल-नुसरा फ्रंट कहा जाता है, और हयात ताहिर अल शम को यूके और अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ था।

हालांकि इन नियमों को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। अरबवीकली पोर्टल ने सोशल मीडिया पर आई प्रतिक्रियाओं को लिखा है। शजा नामक महिला ने लिखा कि सीरिया एक उदार और खुला देश है और इसमें सभी लोगों को बिना किसी बाधा के सम्मिलित करना चाहिए और मिनिस्ट्री को अपने फैसले पर दोबारा सोचना चाहिए।

वहीं एक आदमी याहया ने लिखा कि नए नियमों का स्वागत है क्योंकि सीरियाई समाज की तहज़ीब की इज्जत सभी को करनी चाहिए।

सीरिया में धीरे-धीरे मजहबी कट्टरता पाँव पसार रही है। मई में ही दमिश्क में एक बार पर हमला हुआ था और हमलावर मजहबी तकरीरें कर रहे थे और साथ ही वे यह भी मांग कर रहे थे कि शराब परोसने वाले सभी बार राजधानी में बंद हो जाने चाहिए।

यह बहुत हैरानी की बात है कि कथित आजादी के नाम पर जो इस्लामिक क्रांति होती हैं, उनमें सबसे पहले निशाना महिलाओं को ही क्यों बनाया जाता है? क्योंकि उनकी आजादी पर प्रतिबंध लगाया जाता है? अभी हाल ही में बांग्लादेश की प्रोफेसर जुबैदा नसरीन का इंटरव्यू वायरल हुआ था, जिसमें उन्होनें कहा था कि शेख हसीना सरकार के जाने के बाद वहाँ की महिलाओं का जीना मुश्किल हो गया है।

शेख हसीना के जाने के बाद जैसे बांग्लादेश में मजहबी ताकतें हावी हो रही है और सरकार को अपने कब्जे में ले रही हैं, वैसा सीरिया में शायद ही लगे क्योंकि सीरिया में तो खुद ऐसा संगठन सरकार में है जिसे यूके और अमेरिका की सरकार ने आतंकवादी घोषित कर रकहा था।

यहाँ पर तो कट्टरपंथी संगठन सरकार में है ही और मार्च में ही सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल सहारा ने एक नए अंतरिम संविधान पर हस्ताक्षर किये थे, जिसमें पाँच वर्षों के बदलाव वाले चरण के लिए इस्लामिस्ट शासन को अनिवार्य कर दिया गया था।

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