देहरादून । धामी सरकार ने आज हुई कैबिनेट बैठक में कुल छह महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस संबंध में कार्मिक सचिव शैलेश बगौली ने मीडिया को जानकारी दी।
1. उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की विभागीय संरचना में संशोधन
उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के गठन के बाद, हल्द्वानी (पंतनगर) मुख्यालय हेतु 34 पद एवं देहरादून स्थित एडवांस सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल एंड एप्लाइड बायोटेक्नोलॉजी हेतु 12 पद स्वीकृत किए गए थे। अब कैबिनेट ने इन पदों की कुल संख्या 46 को यथावत रखते हुए, मुख्यालय और अन्य केंद्रों हेतु समस्त पदों को एकीकृत (एकल संवर्ग) रूप में रखने और भर्ती स्रोत में बदलाव को मंजूरी दी है।
2. भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में अतिरिक्त पदों का सृजन
मा. उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड द्वारा बागेश्वर जिले में भू-स्खलन से संबंधित जनहित याचिका (Suo Moto) 174/2024 के निर्देशों के अनुपालन में विभागीय आवश्यकताओं के अनुसार 18 नए पद सृजित किए गए हैं।
3. आसन नदी के दोनों तटों पर बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT), नई दिल्ली के आदेश दिनांक 19.03.2024 के अनुपालन में देहरादून जनपद की तहसील सदर और विकासनगर के अंतर्गत आसन नदी के भट्टा फॉल से आसन बैराज तक के 53 किमी क्षेत्र को चिन्हित कर अंतिम अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, बाढ़ मैदान क्षेत्र में कुछ विशेष निर्माण कार्यों (जैसे STP, रोपवे टावर, मोबाइल टावर, हाई टेंशन लाइन, एलिवेटेड रोड आदि) की अनुमति प्रदान की गई है।
4. 5 निरीक्षण भवनों का मुद्रीकरण (Monetization) हेतु UIIDB को कार्य आवंटन
लोक निर्माण विभाग द्वारा चयनित निरीक्षण भवन (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल एवं ऋषिकेश) का पीपीपी मोड में संचालन कर मुद्रीकरण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में भूमि का स्वामित्व लोक निर्माण विभाग के पास ही रहेगा, जबकि UIIDB ट्रांजैक्शन एडवाइज़र के रूप में नियमानुसार शुल्क प्राप्त करेगा।
5. उत्तराखण्ड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद का गठन
पैरा-मेडिकल शिक्षा एवं सेवाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुसार विनियमित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम-2021 के तहत उत्तराखण्ड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को कैबिनेट की मंजूरी मिली।
6. मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फंड) की स्थापना
कैबिनेट ने विदेशी मदिरा/बियर पर उपकर (सैस) से प्राप्त धनराशि को ‘मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि’ के रूप में उत्तराखण्ड महिला एवं बाल विकास समिति द्वारा संचालित किए जाने को मंजूरी दी है। यह फंड अनाथ बच्चों, निराश्रित महिलाओं तथा वृद्ध महिलाओं के लिए सहायता और पुनर्वास योजनाओं को सुचारु रूप से चलाने हेतु प्रयोग में लाया जाएगा।
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