भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए निरंतर नए कदम उठा रही है। इसी क्रम में अब तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि शीघ्र ही तत्काल टिकट बुक करते समय ई-आधार के माध्यम से पहचान की पुष्टि (ऑथेंटिकेशन) की सुविधा शुरू की जाएगी। इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तव में आवश्यकता रखने वाले यात्रियों को ही कन्फर्म टिकट प्राप्त हो सके। वर्तमान में प्रतिदिन लगभग 2.25 लाख यात्री IRCTC की वेबसाइट अथवा मोबाइल ऐप के माध्यम से तत्काल टिकट बुक करते हैं। रेलवे ने 24 मई से 2 जून तक की बुकिंग का विश्लेषण किया है ताकि यह समझा जा सके कि टिकटों का सही उपयोग हो रहा है या नहीं। इस नई सुविधा के माध्यम से फर्जी बुकिंग में कमी आएगी और वास्तविक यात्रियों को अधिक सुविधा प्राप्त होगी।
एसी टिकट की बुकिंग शुरू होने के पहले मिनट में औसतन 5,615 टिकटें बुक होती हैं। दूसरे मिनट में यह संख्या बढ़कर 22,827 हो जाती है। शुरू के 10 मिनट में कुल 67,159 टिकटें बुक हो जाती हैं, जो पूरी बुकिंग का 62.5% होती हैं। बाकी 37.5% टिकटें ट्रेन का चार्ट बनने से कुछ समय पहले तक बुक की जाती हैं। इनमें से सिर्फ 3% टिकटें खिड़की खुलने के 10 घंटे बाद बुक होती हैं। नॉन-एसी टिकटों की रोजाना करीब 1.18 लाख ऑनलाइन बुकिंग होती है। पहले मिनट में 4,724 और दूसरे मिनट में 20,786 टिकटें बुक हो जाती हैं। पहले 10 मिनट में 66% और पहले 1 घंटे में 84% टिकटें बिक जाती हैं। बाकी टिकटें 8–10 घंटे में धीरे-धीरे बुक होती हैं।
IRCTC पर कुल 13 करोड़ यूजर्स हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 1.2 करोड़ यूजर्स ने अपने अकाउंट को आधार से जोड़ा है। अब रेलवे ने फैसला लिया है कि जिन लोगों ने अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक नहीं किया है, उन्हें अकाउंट का सत्यापन (जांच) कराना होगा। अगर कोई अकाउंट फर्जी या संदिग्ध पाया गया, तो उसे बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा, जिन यूजर्स ने अपने IRCTC अकाउंट को आधार से जोड़ा होगा, उन्हें तत्काल टिकट बुकिंग के समय पहले 10 मिनट की प्राथमिकता दी जाएगी।
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