भारत की नकल करने में शेखी बघारने वाले जिन्ना के देश के नेताओं की समझ कितनी अधकचरी है इसका खुलासा बार बार होता आया है, लेकिन उन नेताओं को अपनी कमअक्ली पर शर्मिंदगी की बजाय नाज होता है, यह बात उनकी स्थिति और हास्यास्पद बना देती है। विदेश मामलों पर जानकारी विहीन जिन्ना के देश के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र में हुई एक प्रेस वार्ता में खुद की तो बेइज्जती कराई ही, जिन्ना के देश की नेता बिरादरी की बुद्धिहीनता का भी परचम फहरा दिया। और उन्हें वहां इस दृष्टि से उघाड़ने वाला पत्रकार खुद एक मुस्लिम ही था।
हुआ यूं कि आपरेशन सिंदूर में बुरी तरह पिटने के बाद आदतन भारत के मत्थे दोष मढ़ने की गरज से बिलावल इन दिनों अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र में झूठ का पुलिंदा लिए वहां के नेताओं और पत्रकारों से मिल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में कल शाम ऐसी ही एक पत्रकार वार्ता में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल की अंतरराष्ट्रीय बेइज्ज्ती हो गई। वे अपने कहे की ही सफाई नहीं दे पाए और बगलें झांकने लगे। पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में बिलावल भुट्टो ने भारत पर आरोप लगाया था कि वह आतंकवाद को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने उसी झोंक में एक और झूठ उछाला कि भारत अपने यहां के मुसलमानों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता, उनको गलत तरीके से प्रस्तुत करता है।

बिलावल की इस बात पर एक मुस्लिम पत्रकार ने खड़े होकर उनके दावे को अस्वीकार करते हुए कहा कि उन्होंने खुद भारत के ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस वार्ता देखी थी, जिसका नेतृत्व एक मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी कर रही थीं। यानी बिलावल की यह बात सही नहीं थी कि भारत में मुसलमानों को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। बेनजीर के पुत्र पूर्व विदेश मंत्री की कम समझ के अनुसार, भारत में मुसलमानों को आतंकवाद से जोड़कर उनकी छवि खराब की जा रही है।
प्रेस वार्ता में मौजूद एक मुस्लिम पत्रकार ने इस बात का जवाब चाहा कि ऑपरेशन सिंदूर की प्रेस वार्ता एक मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी कर रही थीं तो बिलावल इसे कैसे देखते हैं? उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दिया करती थीं कि कहां क्या कार्रवाई चल रही है और पीओजेके में कितने आतंकवादी अड्डे ध्वस्त किए जा चुके हैं। यह पूरा ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा आतंकवाद के खिलाफ शुरू किया गया है जो फिलहाल स्थगित है। पत्रकार ने बिलावल भुट्टो से पूछा कि अगर भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है, तो फिर एक मुस्लिम महिला सैन्य अधिकारी को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कैसे दी गई?
अब तो बिलावल भुट्टो का चेहरा फक पड़ गया, वे असहज हो गए। भुट्टो ने कोशिश की कि कैसे भी विषय बदल दें। लेकिन उस पत्रकार ने अपनी बात दोहराई और पूछा कि भारत की उस प्रेस वार्ता का एक मुस्लिम महिला अधिकारी ने नेतृत्व किया था तो यह मुसलमानों को दबाना या उनकी गलत छवि पेश करना कैसे हुआ? लेकिन तब भी बिलावल भुट्टो ने कोई साफ जवाब नहीं दिया। उनकी उस चुप्पी ने साबित कर दिया कि उनके दावे खोखले ही हैं।
आपरेशन सिंदूर की प्रेस वार्ताओं में कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ विंग कमांडर व्योमिका सिंह मीडिया को जानकारियां देती थीं। संचालन इन्हीं दोनों के हाथ में था। इससे पता चलता है कि भारतीय सेना में मुस्लिम अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रहे हैं और उन्हें उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र जैसी जगह पर भी जिन्ना के देश के नेता झूठ का ही सहारा लेने के लिए यूं भी बदनाम ही रहे हैं। बिलावल भुट्टो ने तो बस उसी रीत को कायम रखते हुए झूठ का पुलिंदा पेश करने की कोशिश की थी।
बिलावल के झूठे दावों से जुड़ी यह घटना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। यह सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। पत्रकार की इस प्रतिक्रिया ने भारत की छवि को मजबूत किया और बिलावल भुट्टो के आरोपों को कमजोर कर दिया है।
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