बात-बात पर भारत को परमाणु बम की धमकी देने वाले पड़ोसी पाकिस्तान या यों कहें कि कंगालिस्तान की हालत किसी से भी छुपी नहीं है। आटे की बोरियों के लिए लड़ने वाले जिन्ना के देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब तो इस बात को खुले मंच से कबूल कर लिया है। उन्होंने अपने ही देश की सेना के समक्ष देश की आर्थिक स्थिति को उजागर करते हुए कहा कि अब तो हमारे मित्र राष्ट्र भी नहीं चाहते हैं कि हम भीख का कटोरा लेकर उनके पास जाएं।
शनिवार को शहबाज शरीफ पाकिस्तानी सेना के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने इस बात को स्वीकार किया। शरीफ का ये बयान तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में शहबाज शरीफ चीन और सऊदी अरब को अपना सबसे बड़ा हितैषी बताते हैं। इसके साथ ही वे कहते हैं कि अमेरिका, तुर्की, कतर और यूएई भी हमारे मित्र हैं, लेकिन अब ये हमसे भीख का कटोरा लेकर उनके सामने जाने की उम्मीद नहीं करते हैं, बल्कि ये व्यापार और शिक्षा समेत दूसरे क्षेत्रों में साझेदारी की उम्मीद कर रहे हैं।
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क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने की कगार पर है। उसके यहां न तो नौकरियां हैं और न ही नौकरियों के सृजन के लायक माहौल। वहां केवल आतंकियों और पाकिस्तानी सेना का राज चलता है। चीन ने पाकिस्तान को अरबों डॉलर का कर्ज दे रखा है। सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों ने भी विकास के नाम पर पाकिस्तान को कर्ज दिए हैं। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी आईएमएफ ने भी पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का कर्ज दिया था।
इतना कर्ज लेने के बाद भी पाकिस्तान के आर्थिक हालात नहीं सुधर रहे हैं। इस बात का अहसास कंगालिस्तान के प्रधानमंत्री को भी हो गया है।
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