पाकिस्तान के कराची में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की एक विवाहित महिला का कुछ कट्टरपंथियों ने अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्होंने उसका जबरन कन्वर्जन कराकर एक मुस्लिम पुरुष से निकाह करवा दिया। परिवार ने बुधवार (28 मई) को पाकिस्तानी सरकार से महिला को छुड़ाने और उसके सकुशल घर वापस लाने की मांग की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला के चार बच्चे हैं। महिला का पति अपनी परेशानी बताने और मामला दर्ज कराने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘दरावर इत्तेहाद पाकिस्तान’ के कार्यालय पहुंचा। मीरपुरखास में स्थित ये संगठन पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों (हिंदू) के अधिकार और कल्याण के लिए काम करता है।
‘दरावर इत्तेहाद पाकिस्तान’ के प्रमुख शिवा काच्छी ने कहा, “महिला का अपहरण किया गया, फिर उसको जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया। इसके बाद शहबाज खशखेली नाम के एक मुस्लिम शख्स के साथ उसका निकाह करवा दिया गया।” उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अभी तक एफआईआर भी दर्ज नहीं की है और न ही कोई सहयोग कर रही है। अब हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
महिला के पति ने बताया कि पिछले हफ्ते शहबाज खशखेली और उसके दोस्तों ने उसकी पत्नी को घर के पास से अगवा कर लिया। उन्होंने कहा कि दो दिन बाद वे उसे एक मदरसे में ले गए और जबरन उसका कन्वर्जन करा दिया। शहबाज ने बिना उसकी इच्छा जाने, उसकी सहमति के बिना उससे निकाह कर लिया। क्या यह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ न्याय है?
कट्टरपंथियों ने अहमदी महिला के शव को जलाया
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अहमदी मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कुछ कट्टरपंथी इस्लामियों ने बुधवार (28 मई) को लाहौर में एक ठंडे भंडार के केबिन को आग के हवाले कर दिया, जबकि वे जानते थे कि उसमें पाकिस्तान की अहमदी अल्पसंख्यक समुदाय की एक महिला नुसरत बीबी (85) का शव रखा गया था। पुलिस के अनुसार लाहौर से 150 किमी दूर शकरगढ़ नारोवाल में यह वारदात हुई।
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