ब्रिटेन में लूसी कोनोली ने एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसके कारण उन्हें 31 महीनों की सजा मिली। उन्होंने इसके खिलाफ अपील की, लेकिन अपील खारिज कर दी गई। उन्हें अब 31 महीनों की सजा पूरी करनी होगी। लूसी का मामला ब्रिटेन में जोरों से उठ रहा है। लोग सवाल कर रहे हैं कि नस्ल के आधार पर या धर्म के आधार पर बलात्कार करने वाले लोगों को छोड़ दिया जा रहा है और अवैध शरणार्थियों के कृत्यों से परेशान होकर किसी महिला ने कोई पोस्ट कर दिया तो उसे इतनी लंबी सजा दी जा रही है?
लूसी ने जो पोस्ट किया था, उसमें उन्होंने अवैध शरणार्थियों को वापस भेजने के साथ ही उन्हें आग के हवाले करने की बात भी की थी। उन्होंने लिखा था कि ऐसा करने पर यदि उन्हें रैसिस्ट ठहराया जाता है तो भी उन्हें कोई गम नहीं होगा। इस पोस्ट पर हंगामा मचा और फिर उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था। उन्हें यह पोस्ट लिखने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर 31 महीने की सजा सुनाई गई।
दरअसल पिछले वर्ष 29 जुलाई को साउथपोर्ट में एक डांस क्लास में तीन बच्चियों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर लोगों के मन में गुस्सा था और इसी गुस्से में लूसी ने एक्स पर पोस्ट कर दिया था। उनके पति सांसद रह चुके हैं। वे नार्थएंपटन टाउन काउंसिल के सदस्य हैं। पत्नी की अपील खारिज होने पर वे दुखी हैं और उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी को बहुत छोटे अपराध की बहुत बड़ी सजा मिली है।
वहीं इस सजा को लेकर ब्रिटेन के लोगों में बहुत गुस्सा है। लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि बड़े अपराध करने वालों को कम सजा मिल रही है और लूसी को एक पोस्ट के लिए लगभग तीन साल की सजा मिल रही है।
लेखक मैट गुडविन ने लिखा कि ब्रिटेन में पिछले 24 घंटों में अबू वादी नाम के फिलिस्तीनी को केवल 8 महीने की सजा हुई, जो अवैध रूप से देश में आया और जिसने हमास का समर्थन किया और यहूदियों को मारने की बात की। मगर लूसी की अपील खारिज हो गई
In the last 24 hours in Britain a Palestinian named Abu Wadee who arrived illegally on a small boat, voiced support for Hamas & the murder of Jews was given 9 months while Lucy Connolly who is serving nearly 3 years for sharing hurty words on Twitter had her appeal denied pic.twitter.com/Jq6CKxRq3x
— Matt Goodwin (@GoodwinMJ) May 20, 2025
लोग कह रहे हैं कि ब्रिटेन में अब वास्तव में टू टायर जस्टिस सिस्टम लागू हो गया है। अर्थात श्वेत लोगों को अधिक सजा।
Lucy Connolly’s appeal has been denied.
Could it be any clearer that we have a two tier system?
She should not be in prison for a spur of the moment tweet during one of the biggest tragedies in Britain. pic.twitter.com/I9uymWeG6M
— Women’s Safety Initiative (@WomenSafety_UK) May 20, 2025
लोग कई घटनाएं साझा कर रहे हैं, जिनमें जघन्य अपराधों पर भी सजा नहीं दी गई। मगर लूसी को एक पोस्ट के कारण सजा दे दी गई है। लोग यह भी कह रहे हैं कि हाल ही में सरकार ने कई अपराधियों को रिहा करने का निर्णय लिया था तो क्या इसलिए कि लूसी जैसों के लिए जगह बनाई जाए, जो केवल अपने गुस्से के कारण और या कहें अपने बच्चों के प्रति चिंतित होने के कारण कोई आपत्तिजनक पोस्ट कर बैठे हैं?
ब्रिटेन में कई माममे ऐसे आए हैं, जिनमें कई यौन अपराधियों को केवल इसलिए सजा नहीं दी गई क्योंकि वे ऐसे मूल के थे जहां की तहजीब ब्रिटेन के कल्चर से अलग है। लोग ऐसे तमाम मामले साझा कर रहे हैं, जिनमें कई स्थानीय एवं कई आप्रवासियों को सजा नहीं दी गई।
लोग कह रहे हैं कि ब्रिटेन में अब फ्री स्पीच शेष नहीं रह गई है और यह सजा भी डिलीट किये गए पोस्ट पर दी गई है। वहीं इस मामले में जज ने इस सजा को सही ठहराया है और यह कहा है कि इस पोस्ट से हिंसा फैल सकती थी। लोग इसे भयानक स्थिति कह रहे हैं, जहां पर केवल एक पोस्ट के लिए लगभग तीन साल की सजा सुनाई जा रही है। फ्री स्पीच यूनियन नामक हैंडल ने पोस्ट किया कि वे इस निर्णय से निराश हैं।
इसमें लिखा है कि अपील न्यायालय ने एफएसयू सदस्य लुसी कोनोली की 31 महीने की जेल की सजा को कम करने से इनकार कर दिया है। यह पोस्ट उन्होंने साउथपोर्ट में एक्सेल रुदाकुबाना द्वारा तीन लड़कियों की हत्या के कारण फूटे गुस्से के कारण लिखी थी। प्रश्न यही उठता है कि क्या यह राजनीतिक कारण हैं जिनके कारण लूसी जेल में हैं या फिर उन्होंने इतना बड़ा अपराध किया कि उन्हें 31 महीनों तक जेल मे रहना पड़े? सांसद रूपर्ट लो ने सेक्रेटरी ऑफ स्टेट फॉर जस्टिस को लूसी के मामले में पत्र लिखा है।
टिप्पणियाँ