कुछ मुस्लिम समुदाय के रहनुमा अपने हिसाब से हर चीज को हराम करार दे रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के देवबंद में इस्लामिक विद्वान मौलाना कारी इसहाक गौरा ने अब टैटू को भी गैर इस्लामिक करार दे दिया है। गोरा ने मुस्लिम युवाओं से अल्लाह की राह पर चलने की अपील करते हुए कहा कि वे फैशन की ओर न जाएं। मुस्लिम मौलाना का कहना है कि टैटू बनवाना शरिया के खिलाफ है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि इसहाक गोरा का कहना है कि इस्लाम में टैटू बनवाना हराम होता है। इसे हराम या वर्जित माना जाता है। इसहाक गोरा ने एक वीडियो के जरिए टैटू बनवाने वाले मुसलमानों के प्रति चिंता जाहिर की। साथ ही कहा कि इस बारे में मुस्लिम समाज को गंभीर होने की आवश्यकता है। टैटू बनवा चुके मुस्लिमों को अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए और संभव हो तो इसे अपने शरीर से हटाना चाहिए।
गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब मुस्लिम मौलानाओं ने इस्लाम के नाम पर टैटू हो या हो पहनावा इसको हराम या फिर शरिया के खिलाफ करार देकर मुस्लिमों को कंट्रोल करने की कोशिश की है।
मेंहदी लगाने पर उठाया था सवाल
उल्लेखनीय है कि ये कोई पहली बार नहीं है, जब कारी इसहाक गोरा ने शरिया के नाम पर मुस्लिमों की आजादी को कंट्रोल करने वाली बात की हो। इससे पहले पिछले माह दावातुल मुस्लिमीन की संरक्षक और देवबंदी उलेमा कारी इसहाक गोरा ने मुस्लिम महिलाओं को फतवे का डर दिखाते हुए कहा था कि अगर मुस्लिम महिलाएं किसी भी पराए मर्द से मेहँदी लगवाती हैं या चूड़ियां पहनती हैं तो ये शरीयत का उल्लंघन है।
गोरा ने मुस्लिम महिलाओं को याद दिलाया था कि इस तरह के मामलों को लेकर मुस्लिमों की संस्था दारुल अलुम देवबंद ने पहले ही एक फतवा जारी किया था, जिसके अनुसार, मुस्लिम महिलाओं के गैर मर्दों से चूड़ी खरीदने या मेहँदी लगवाने को इस्लाम के खिलाफ बताया गया था। कारी इसहाक गोरा के मुताबिक, करीब 10 साल पहले ही इस मामले को लेकर फतवा जारी किया गया था, फिर भी महिलाएं ऐसा कर रही हैं। उन्हें फतवा याद होना चाहिए।
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