भारत के जिन्ना के देश पर आपरेशन सिंदूर के जरिए कड़े प्रहार के बीच एक हैरान करने वाली खबर आ रही है। पता चला है कि बांग्लादेश में तैनात पाकिस्तान के उच्चायुक्त गायब हैं। उनके अचानक छुट्टी पर चले जाने से दोनों देशों में अटकलों का बाजार गर्म है। आपरेशन सिंदूर में मुंह की खाए जिन्ना के देश की फजीहत को बढ़ाने वाली इस घटना पर फिलहाल इस्लामाबाद ने और उसके कथित इशारे पर बांग्लादेश की मजहबी उन्मादी सरकार ने चुप्पी ओढ़ी हुई है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कई प्रकार की बातें की जा रही हैं जिनमें से एक है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त हनीट्रेप में फंस गए थे और मुंह खोलने के बाद, संभावित परिणामों से घबराकर गुपचुप पाकिस्तान लौट गए।
बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ यूं अचानक ‘छुट्टी’ पर कैसे चले गए हैं, यह बात न ढाका को हजम हो रही है, न जिन्ना के देश के नेताओं को। लेकिन इतना तो पक्का है कि वे ढाका से निकल चुके हैं। उनकी वापसी को लेकर भी कोई स्पष्टता नहीं है, इस वजह से राजनयिक गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं।
ढाका में विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सैयद अहमद मारूफ 11 मई से ‘छुट्टी’ पर हैं और वर्तमान में बांग्लादेश से बाहर हैं। उनकी अनुपस्थिति के दौरान, ढाका में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त मुहम्मद आसिफ ‘कार्यवाहक उच्चायुक्त’ के रूप में काम करेंगे।

दिलचस्प बात है कि ढाका हवाई अड्डे के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी उच्चायुक्त गत रविवार शाम 7:37 बजे ढाका से रवाना हुए थे। बताया गया कि वह दुबई होते हुए इस्लामाबाद जाने वाली अमीरात एयरलाइंस की फ्लाइट से हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से रवाना हुए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने इसकी पुष्टि की तो की है लेकिन उस पर विश्वास करने वाले गिनती के ही लोग हैं कि वह ‘छुट्टी’ पर गए हैं।
खबरों के अनुसार, मारूफ इस समय इस्लामाबाद में हैं। जिन्ना के देश का विदेश मंत्रालय यह भी कहता है कि उनके इस दौरे को “द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिति” पर चर्चा के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन ढाका में राजनयिक सूत्र संकेत दे रहे हैं कि भारत के आपरेशन सिंदूर के दौरान कॉक्स बाजार के एक निजी दौरे और एक बांग्लादेशी महिला सरकारी अधिकारी के साथ उनकी कथित संलिप्तता को लेकर विवाद खड़े हुए थे, उसकी तपिश ऐसी बढ़ी कि मारूफ को फौरन इस्लामाबाद बुला लिया गया।
सैयद अहमद मारूफ 7 दिसंबर 2023 से बांग्लादेश में पाकिस्तान के दूत के रूप में काम कर रहे हैं। गत 5 अगस्त को ढाका में तख्तापलट होने और शेखी हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, उन्होंने बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों को वापस पटरी पर लाने में काफी बड़ी भूमिका अदा की थी। ऐसे में पाकिस्तान के उच्चायुक्त का अचानक लौटना किसी के गले नहीं उतर रहा है और ‘महिला अधिकारी से नजदीकी’ वाली बात पुख्ता रूप ले रही है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में जब दावा किया गया है कि पाकिस्तानी उच्चायुक्त के हनीट्रैप में फंसने के बाद, यह मामला और तूल पकड़े उससे पहले उन्हें वापस बुलाया गया है। यदि यह दावा सच है, तो पाकिस्तान की विदेश और कूटनीतिक विभागों को इस पर पानी डालने में भारी मशक्कत करनी पड़ सकती है। इससे बेशक यह संदेश भी जाएगा कि पाकिस्तान को अपने राजनयिकों के आचरण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
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