नई दिल्ली (हि.स.) । देश में अब हर साल अब 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इस संबंध में केन्द्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। पहले हर वर्ष धनतेरस के दिन यह दिवस मनाया जाता था, जोकि हिंदू महीने कार्तिक (आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर) में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। चूंकि धनतेरस की तारीख हर साल बदलती रहती है, इसलिए आयुर्वेद दिवस के पालन की कोई निश्चित वार्षिक तिथि नहीं थी।
मंगलवार को आयुष मंत्रालय ने जानकारी दी कि वैश्विक दृश्यता और पालन में निरंतरता बढ़ाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 23 सितंबर को प्रत्येक वर्ष आयुर्वेद दिवस मनाने की तिथि निर्धारित की है। इस संबंध में 27 मार्च 2025 की राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचना जारी की गई है। मंत्रालय ने बताया कि दिवस को लेकर असंगति को दूर करने और राष्ट्रीय और वैश्विक उत्सवों के लिए एक स्थिर संदर्भ बिंदु स्थापित करने के लिए, एक समिति का गठन किया गया था। विशेषज्ञ पैनल ने चार संभावित तिथियों का प्रस्ताव रखा, जिसमें 23 सितंबर को प्राथमिकता दी गई।
उल्लेखनीय है कि आयुर्वेद दिवस को हर साल आयुर्वेद को एक वैज्ञानिक, साक्ष्य-आधारित और समग्र चिकित्सा प्रणाली के रूप में बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। आयुर्वेद निवारक स्वास्थ्य सेवा और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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